कांग्रेस ने एक्जिट पोल की डिबेट से खुद को अलग किया, इसमें भी पक्षपात का शक
अंतिम चरण का मतदान शनिवार 1 जून को होगा और उसी दिन शाम को देशभर की बड़ी एजेंसियां एक्जिट पोल के नतीजे जारी कर देंगी। इस बार देशभर में एनडीए और इंडिया गठबंधन में चुनावी घमासान मचा रहा, इसलिए भी एक्जिट पोल के नतीजों पर सबकी नजर रहेगी। कांग्रेस को आशंका है कि केंद्र सरकार के तथाकथित दबाव में एक्जिट पोल कंडक्ट करने वाली एजेंसियां पक्षपातपूर्ण नतीजे भी जारी कर सकती हैं। इसलिए पार्टी ने एक्जिट पोल के बाद टेलीविजन तथा अन्य माध्यमों में होने वाली डिबेट से खुद को अलग कर लिया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि उच्चस्तर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि कांग्रेस का कोई भी प्रवक्ता एक्जिट पोल की डिबेट में शामिल नहीं होगा। अर्थात, पार्टी अब किसी भी तरह के पूर्वानुमानों के बजाय सीधे 4 जून को जो नतीजे आएंगे, उन्हीं पर बात करेगी। बता दें कि इस बार के चुनाव में पिछले करीब एक साल से कांग्रेस के नेता मीडिया पर हमलावर हैं। राहुल गांधी समेत अधिकांश कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि मीडिया कथित तौर पर गोदी मीडिया में तब्दील हो गया है और दिखा रहा है, जो भाजपा देखना चाहती है। राहुल बार-बार कहते आ रहे हैं कि नौकरी करनेवाले रिपोर्टरों-पत्रकारों की इसमें कोई गलती नहीं है, बल्कि कथित तौर पर मीडिया संस्थान के मालिक ही दबाव में हैं, इसलिए पत्रकारों को एकपक्षीय खबरें करनी पड़ रही हैं। एक्जिट पोल करनेवाली एजेंसियों के बारे में भी यही कहा जा रहा है कि वह भी दबाव में मेन्युपुलेशन कर सकती हैं। इसलिए कांग्रेस इस तरह की किसी भी बहस से खुद को अलग कर रही है।