आज की खबर

The Stambh Investigation: दो ठेकेदार, 2 हजार करोड़ का धंधा, हफ्ता वसूली और किलिंग…सबसे बड़ी क्राइम स्टोरी

  • IPS Santosh Kumar Singh, SSP Raipur: शूटरों के पकड़े जाने से बड़ी आशंका टली है। बहुत सारी जानकारियां हैं, जिनकी छानबीन कर रहे हैं। कारोबारियों को प्रोटेक्शन मनी के लिए धमकियों का आंकलन भी कर रहे हैं। पूरा मामला बड़ी साजिश की तरफ जा रहा है।

कहानी कुछ इस तरह शुरू होती है…झारखंड के कुख्यात अमन साहू गैंग को रायपुर और रायगढ़ में दो कारोबारियों को सबक सिखाना था। इस गैंग के ज्यादातर शूटर झारखंड और बिहार समेत देश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। इसलिए गैंग ने लारेंस विश्नोई गिरोह के हैंडलर से संपर्क किया, जो मलेशिया के क्वालालंपुर में बैठकर हैंडल कर रहा है। बड़ी सुपारी पर उसी हैंडलर ने अलग-अलग जगह से शूटर और बाइक राइडर अरेंज किए। शूटरों को इंदौर के सेंधवा से पिस्टल और मैगजीन दिलवाई गईं। फिर सबको पुख्ता प्लान के साथ रायपुर भेज दिया।

अलग-अलग सूत्रों से इतनी जानकारियां उपलब्ध हो चुकी हैं, इसलिए अब गतांक से आगे…रायपुर में इन शूटरों का निशाना एक कोयला कारोबारी का नाती था। इस कारोबारी ने झारखंड में 1200 करोड़ रुपए का कोयले का काम लिया था। उसने अमन गैंग को हफ्ता दिया था या नहीं, यह इन्वेस्टिगेशन का पार्ट है। लेकिन गैंग प्रोटेक्शन मनी से संतुष्ट नहीं था। करीब छह माह पहले गैंग के शूटरों ने इस कारोबारी के एक स्टाफ को झारखंड में पैर में गोली मारी और चेताया कि अब निशाना तीन फीट ऊपर होगा। बात नहीं बनी तो रायपुर के ही एक इलाके में (एफआईआर दर्ज है) एक दफ्तर में गोली चलाई गई। यह केस दब गया। करीब 15 दिन पहले कारोबारी को इंटरनेट के एक माध्यम से धमकी आई। पर उन्होंने पुलिस को नहीं बताया। प्रोटेक्शन मनी नहीं बढ़ी, इसलिए गैंग खफा हो गया और सबक सिखाने की ठानी। मलेशिया से हैंडलर ने शूटरों को आदेश दिया कि कारोबारी के नाती को सिर्फ एक गोली मारनी है। बाकी पूरी मैगजीन कार पर खाली करनी है। गैंग इस वारदात के बाद कारोबारी से फिर बात करता, लेकिन शूटर ही फंस गए। साजिश पर अभी विराम लग गया है, पर रायपुर पुलिस झारखंड के कोल गैंगस्टर को जानती है। वह चुपचाप नहीं बैठी है।

रायगढ़ की वारदात से दिल दहल जाता प्रदेश का

अब रायगढ़ पर नजर डालते हैं, जहां शूटर आज यानी बुधवार को गोलियां चलाने वाले थे। गैंग के निशाने पर वहां के एक कारोबारी हैं। पुख्ता सूचना पुलिस के पास भी है कि इन ठेकेदार का अब भी झारखंड में 800 करोड़ रुपए का सड़कें बनाने का काम चल रहा है। हैंडलर ने शूटरों से कहा था कि रायपुर में शूटआउट के बाद बाइक से निकलना और रायपुर-रायगढ़ के बीच कहीं छिप जाना। यह ठिकाना भी पुलिस ने ढूंढ लिया है। मंगलवार को शूटरों को रायगढ़ पहुंचना था। वहां कारोबारी के दो बेटों की रेकी करनी थी और शूटिंग के लिए स्पाट सलेक्ट करना था। रायपुर का शूटआउट चेतावनी वाला था, लेकिन रायगढ़ में जो होता, वह दिल दहला देता। क्योंकि हैंडलर ने शूटरों से साफ कहा था कि किसी भी एक भाई पर पूरी मैगजीन खाली करनी है। रायपुर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की बिजनेस कम्यूनिटी, खासकर ऐसे कारोबारी जो बाहर बड़े ठेके लेते हैं, सबको अंदाजा हो चुका है कि रायपुर और रायगढ़ में गैंग ने किन्हें निशाने पर लिया था। पूरी कम्यूनिटी खामोश है, क्योंकि उन्हें लगता है कि सुरक्षा का खतरा टल तो गया है, स्थायी उपाय अभी नहीं हुआ है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button