जीपी सिंह की अनिवार्य सेवानिवृत्ति रद्द, 4 हफ्ते में बहाली के आदेश, 5 साल बचे हैं नौकरी के
छत्तीसगढ़ कैडर में १९९४ बैच के आईपीएस अधिकारी गुरजिंदरपाल (जीपी) सिंह को तत्कालीन छत्तीसगढ़ शासन की अनुशंसा पर 20 जुलाई 2023 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी, उस आदेश को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) दिल्ली की प्रिंसिपल बेंच ने रद्द कर दिया है। इस आदेश के साथ ही जीपी सिंह के वापस नौकरी में लौटने का रास्ता साफ हो गया है। जीपी को रिटायर होने में अभी 5 साल से ज्यादा समय बचा है और कंपल्सरी रिटायरमेंट की अवधि को शामिल करते हुए उनकी इस साल दिसंबर में 30 साल की नौकरी पूरी हो जाएगी। राज्य शासन कैट का आदेश मिलने के बाद जीपी सिंह की बहाली को लेकर विधिपूर्ण कार्रवाई शुरू करेगा। इस आदेश के मुताबिक जीपी को 4 सप्ताह में बहाल करना है।
जीपी सिंह के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2021 में राजद्रोह तथा संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर की थी ओर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जीपी अभी जमानत पर हैं। कंपल्सरी रिटायरमेंट का केस इसी कार्रवाई के आधार पर चलाया गया था। लेकिन कैट ने इस पूरी कार्रवाई को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। कैट ने कहा कि जीपी के मामले में विभागीय जांच करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करना जरूरी था, जो अब तक नहीं किया गया। कैट ने कहा कि विभागीय जांच पूरी किए बिना कंपल्सरी रिटायरमेंट का आदेश एक शार्टकट और दंडात्मक कार्यवाही थी, जो सही नहीं थी। ट्रिब्यूनल ने राज्य और केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि जीपी को चार हफ्ते के भीतर बहाल करते हुए संपूर्ण परिणामी लाभ भी दिए जाएं।
केंद्र और राज्य से कैट को आदेश को चुनौती नहीं दी गई, तो जल्दी हो जाएंगे बहाल
विधि विशेेषज्ञों के मुताबिक अगर केंद्र और राज्य शासन की ओर से कैट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी गई, तो जीपी जल्दी ही बहाल हो जाएंगे। उनके कंपल्सरी रिटायरमेंट का आदेश केंद्र से हुआ था, इसलिए केंद्र सरकार की ओर से ही उनकी बहाली के आदेश जारी होंगे तथा राज्य शासन को निर्देशित किया जाएगा कि जीपी को बहाल किया जाए। इसके बाद उन्हें राज्य शासन बहाल करेगी और जीपी पुलिस मुख्यालय में बतौर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) ज्वाइन कर लेंगे। इसके बाद राज्य शासन ही उन्हें पदस्थापना देगी।