शूटर्स की बाइक रांची की और नंबर भी सही…रेकी ऐसी कि जहां गाड़ी छोड़कर भागे, वहां दूर-दूर तक कैमरे नहीं
सीएम साय का बड़ा बयानः पहले भी गैंगस्टर को पकड़ चुकी पुलिस, अब भी दूर नहीं
रायपुर में करीब डेढ़ माह पहले लारेंस विश्नोई-अमन साहू गैंग के दो शूटर और दो बाइकर वारदात की रेकी के दौरान पकड़े गए थे, इसलिए गिरोह ने इस बार रेकी में कोई गलती नहीं की। गैंगस्टर्स ने पिछली बार गोली चलाने के लिए भैंसथान चौक से चौबे कालोनी की रोड का चयन किया था, लेकिन इस बार जगह भी बदल दी। ठेकेदार के रिंग रोड स्थित दफ्तर को फायरिंग के लिए चुना, ताकि भागना मुश्किल न हो। यही नहीं, गैंगस्टर ने जहां बाइक छोड़ी, वहां दूर-दूर तक कोई कैमरा नहीं है। पुलिस ने तकरीबन 1 हजार कैमरों के फूटेज लिए हैं। इनमें से कई में दोनों शूटर्स बाइक पर नजर आ रहे हैं। लेकिन बाइक छोड़ने के बाद शूटर कहां और किस साधन से भागे, इसका कोई फूटेज अब तक नहीं मिला है। हालांकि पुलिस ने कुछ गाड़ियां चिन्हित की हैं, जिनमें से किसी एक से शूटरों के भागने का शक है। दूसरा बड़ा मामला यह है कि गैंगस्टर फर्जी नंबरों की बाइक से ऐसी वारदातें करते हैं, लेकिन रायपुर में हुई वारदात में इस्तेमाल गाड़ी का नंबर असली है। हम सिर्फ यही बता सकते हैं कि यह बाइक रांची से लगे खूंटी जिले के अंदरूनी गांव में रहनेवाले एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है, जिससे पुलिस संपर्क कर रही है।
पुलिस को वारदात के आधा घंटे के भीतर ही वह बाइक मिल गई थी, जिसका शूटर्स ने इस्तेमाल किया। यह बाइक जिस जगह छोड़ी गई, वहां आसपास प्राइवेट और सरकारी कैमरे नहीं हैं। इसलिए शूटर्स के बाइक छोड़ने और फिर वहां से भागने का कोई फूटेज नहीं मिला। अफसरों का अनुमान है कि गैंग के लोगों ने इस जगह को देख-समझकर चुना, ताकि वारदात के दौरान और भागने का फूटेज भले ही मिल जाए, लेकिन बाइक छोड़ने और यहां से भागने की कोई रिकार्डिंग नहीं आए। पुलिस का मानना है कि यह तभी संभव है, जब शूटर्स को किसी न किसी ऐसे स्थानीय व्यक्ति की मदद जरूर मिली होगी, जो यह जानता होगा कि किस जगह बाइक छोड़ने से कोई क्लू नहीं मिल पाएगा। बाइक छोड़ने के बाद शूटरों ने थोड़ा पैदल चलकर अगली गाड़ी पकड़ी या दूसरा वाहन वहीं उपलब्ध था, अभी पुलिस इस पर काम कर रही है। क्योंकि दोनों का पैदल का गाड़ी बदलनेवाला कोई वीडियो या फोटो नहीं है। हालांकि पुलिस भी इस बार हर तकनीकी माध्यमों का सहारा ले रही है। जिन ओर से शूटर्स के भागने की आशंका है, उस रास्ते पर पुलिस की अलग-अलग पार्टियां पड़ताल करती हुई आगे बढ़ रही हैं।
सीएम विष्णुदेव साय को रायपुर पुलिस पर भरोसा
इधर, रविवार को दोपहर मीडिया से बातचीत में सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि उन्हें उम्मीद है, शूटर जल्दी पकड़े जाएंगे और रायपुर पुलिस गिरोह तक पहुंचेगी। सीएम साय ने कहा कि लारेंस और अमन गैंग ने कुछ अरसा पहले भी रायपुर में वारदात की कोशिश की थी, लेकिन रायपुर पुलिस ने शूटर्स को गिरफ्तार कर पूरी साजिश को नाकाम कर दिया था। इस बार भी पुलिस पूरे समर्पण के साथ गोली चलाने वालों के पीछे लगी है और उम्मीद है कि खुलासा जल्द ही कर दिया जाएगा।