संविधान बदलने पर चैंबर में दो फाड़ के हालातः योगेश बोले- ये लोकतंत्र की हत्या
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े व्यापारी संगठन चैंबर आफ कामर्स में भी संगठन के कानून में बदलाव को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। चैंबर में बरसों पदाधिकारी रहे तथा व्यापारियों के एकता पैनल का प्रतिनिधित्व करनेवाले योगेश अग्रवाल ने पदाधिकारियों ने आमसभा बुलाए बिना संगठन का संविधान बदलने का आरोप लगा दिया है। योगेश अभी छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि चैंबर में कुछ लोगों ने मिलकर यह फैसला ले लिया कि अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष पद का चुनाव कोई भी व्यक्ति कितनी भी बार लड़ सकता है। योगेश अग्रवाल ने कहा- यह चैंबर के संविधान ही नहीं, बल्कि 25 हजार व्यापारियों वाले इस संगठन में आंतरिक लोकतंत्र की हत्या है।
योगेश अग्रवाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चैंबर आफ कामर्स की 27 अप्रैल को हुई सभा में चेंबर के संविधान का संशोधन किया गया था। इसका मुख्य बिंदु यह था कि अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष का चुनाव कितनी बार भी लड़ा जा सकता है। योगेश ने आरोप लगाया कि इस बदलाव के लिए ऐसी जगह सभा बुलाई गई, जहां 200 लोग नहीं बैठ सकते। मुट्ठीभर लोगों ने 25 हजार व्यापारियों के संविधान को ब8 दलने का फैसला कर लिया। योगेश ने कहा कि वे पिछले 30 साल से चैंबर के अनेको पदों पर रह चुके हैं और 3 साल पहले अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ चुके हैं। योगेश ने कहा कि मुझे ही नहीं, मेरे एकता पैनल में शामिल हजारों व्यापारियों को इसकी जानकारी देने की जरूरत नहीं समझी गई। योगेश ने कहा कि चैंबर के 60 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। यह आंतरिक लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है, और इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।