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भूअर्जन स्कैम से भारतमाला रोड का काम नया रायपुर में ही रुका… मुआवजा केस से घबराए अफसरों ने फैसले रोके तो काम भी अटका… दिल्ली से हस्तक्षेप के बावजूद एक्सप्रेस-वे अधर में

अभनपुर भूअर्जन केस में आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (ईओडब्लू) की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। आधा दर्जन लोग जेल में हैं, कई आरोपी अफसर रिकार्ड में फरार चल रहे हैं। दुर्ग-रायपुर-आरंग भारतमाला रोड अभी अभनपुर तक बनी है और इसे नया रायपुर के काफी हिस्से को क्रास करते हुए आरंग तक जाना है। लेकिन यहां के मुआवजा मामलों में सुनवाई लगभग बंद है और फाइलों के ढेर लग गए हैं। जब तक मुआवजा केस नहीं निपटते, नेशनल हाईवे अथारिटी भूअर्जन नहीं कर सकती। ऐसे में सड़क भी नहीं बन सकती और वही हो रहा है। इसे सुलझाने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय, नई दिल्ली का हस्तक्षेप हुआ है। शासन से आग्रह किया गया है कि भूअर्जन की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाए, ताकि सड़क को कंप्लीट किया जा सके।

भारतमाला रोड दुर्ग के कुछ पहले से काफी बाहर से अभनपुर तक पहुंची है। इस सड़क के लिए अभनपुर प्रशासन ने जो मुआवजा दिया था, उसमें 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का स्कैम पकड़ में आ गया है। स्कैम की यह राशि प्रशासन की जांच में निकली है। ऐसा अनुमान है कि मुआवजा स्कैम लगभग 200 करोड़ रुपए का है। इसे सरकार की ओर से जांच के लिए ईओडब्लू को सौंप दिया गया था। ईओडब्लू ने एफआईआर दर्ज कर अब तक आधा दर्जन से ज्यादा गिरफ्तारियां कर ली हैं। इस केस में तत्कालीन अभनपुर एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारियों को भी आरोपी बनाया गया था। सभी सस्पेंड हैं, लेकिन अफसरों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। यह मामला चल रहा है, लेकिन इसका एक और असर हो गया है। अभनपुर से नया रायपुर होते हुए सड़क को आरंग तक जाना है। यहां अधिकांश हिस्से में भूअर्जन नहीं हुआ है और मामले लंबित हैं। अभनपुर भूअर्जन केस का ऐसा डर बैठ गया है कि आर्बिट्रेशन ने ही हाथ खींच लिए हैं। अभनपुर केस में कई अफसर फंसे हैं, इसलिए माना जा रहा है कि अब अफसर फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। इस वजह से भूअर्जन ही काफी अरसे से पेंडिंग हो गया है। लिहाजा नेशनल हाईवे अथारिटी को सड़क का काम बंद करना पड़ा है। जब तक भूअर्जन नहीं होता, काम शुरू नहीं हो पाएगा। बताते हैं कि इस वजह से एनएचएआई अफसरों के साथ-साथ मंत्री गडकरी के सड़क परिवहन मंत्रालय के अफसरों ने यहां शासन से संपर्क किया है। शासन में यह विचार चल रहा है कि इस समस्या को कैसे निपटाएं। सूत्रों का कहना है कि कुछ आला अफसरों ने रास्ता निकाला है कि लाइन से छोटे-छोटे पैचेस के भूअर्जन केस निपटाए जाएं, ताकि सड़क थोड़ी-थोड़ी बनकर आरंग तक तो पहुंचे।

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