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वक्फ बिल का छत्तीसगढ़ पर ऐसा भी असर… 5वीं-6वीं अनुसूची के क्षेत्रों में संपत्ति वक्फ नहीं… इसका लाभ जनजातीय समुदाय कोः सीएम साय

वक्फ संशोधन बिल भले ही वक्फ संपत्ति के मामले में प्रभावी भूमिका अदा करेगा, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका एक और असर देखा जा सकेगा। दरअसल इस बिल में प्रावधान किया गया है कि 5वीं और 6वीं अनुसूची के क्षेत्रों में किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ में यह प्रावधान बस्तर और सरगुजा के बड़े इलाके में कारगर रहेगा। इसका परिणाम यह होगा कि आदिवासी भूमि पर किसी तरह का कब्जा नहीं किया जा सकेगा। सीएम विष्णुदेव साय ने वक्फ बिल में इस संशोधन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इससे जनजातीय संस्कृति को संरक्षण मिलेगा।

सीएम साय ने एक बयान में कहा कि वक्फ बिल पर विपक्ष ने लगातार मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने का प्रयास किया है, जो निंदनीय है। वास्तव में यह बिल किसी धर्म के विरुद्ध नहीं, बल्कि न्याय और समानता के मूल्यों को मजबूत करने वाला है। यह गरीब अल्पसंख्यकों के हित में है। वक्फ संशोधन बिल पारदर्शिता, जवाबदेही और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। यह बिल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है। जिस प्रकार से इस बिल पर व्यापक चर्चा हुई है, वह हमारे संसदीय विमर्श की परिपक्वता को दर्शाता है। सीएम साय ने एक बयान में कहा कि वक्फ कानून में संशोधन इसकी संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस बिल का उद्देश्य धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार और न्यायिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

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