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दुनिया में बांस का सबसे ऊंचा टावर हमारे बेमेतरा में… यह 140 फीट ऊंचा और पेरिस के एफिल टावर जैसा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आनलाइन लोकार्पण किया, स्पीकर डा. रमन भी मौजूद

छत्तीसगढ़ के लिए अच्छी खबर यह है कि बेमेतरा के पास कठिया नाम के एक गांव में बांस के शिल्प पर काम करनेवाले संस्थान ने बांस का दुनिया में सबसे ऊंचा टावर बना डाला है। यह टावर 140 फीट ऊंचा है। इसका डिजाइन लगभग वैसा ही है, जैसा पेरिस के एफिल टावर का है, हालांकि एफिल टावर इससे ऊंचा है। खासियत ये है कि इतने ऊंचे बांस के टावर का कुल वजन केवल 7400 किलोग्राम ही है। इसका इस्तेमाल टेलीक्म्यूनिकेशन कंपनियां तथा ट्रांसमिशन और रेडियो टावर के रूप में हो सकता है। विश्व बांस दिवस पर बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बेमेतरा के इस बेमिसाल बांस के टावर का वर्चुअल लोकार्पण किया है। इस कार्यक्रम में विधानसभा के स्पीकर तथा पूर्व सीएम डा. रमन सिंह भी मौजूद थे।

बेमेतरा जिले के ग्राम कठिया में भव्य सृष्टि उद्योग ने तकरीबन 11 लाख रुपए की लागत से इस टावर का निर्माण किया है। इसे संस्थान के फाउंडर और बांस प्रौद्योगिकी से जुड़े गणेश वर्मा ने बनाया है। मंत्री नितिन गडकरी ने बांस-टॉवर का लोकार्पण करते हुए कहा कि संस्थान ने नई सोच और पहल से 140 फीट ऊंचा यह टॉवर बनाया है। यह टॉवर वजन में हल्का है और इसका जीवन काल कम से कम 25 वर्षों का है और बहुपयोगी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार यदि बांस के उपयोग के बारे में कोई नीति बनाती है और उसे प्रोत्साहित करती है, तो वहां के आदिवासियों का जीवन बदल जाएगा। छत्तीसगढ़ के हैंडलूम्स, हैंडीक्रॉफ्ट्स और मेटल-क्रॉफ्ट्स में नए डिजाइन बनेंगे तो उनकी अच्छी बिक्री होगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लोकार्पण कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि 140 फीट के इस नवनिर्मित टॉवर से छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है। टॉवर को देखकर मैं गौरवान्वित हुआ हूं। छत्तीसगढ़ का यह नया स्टार्ट-अप धरती से जुड़ा है, किसान से जुड़ा है और हमारे वनवासियों से जुड़ा है। सांसद विजय बघेल तथा विधायक दीपेश साहू और ईश्वर साहू भी कठिया में बांस-टॉवर के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए।

हाईवे पर बांस के क्रैश बैरियर्स भी बनाएंगे

टावर बनाने वाले गणेश वर्मा ने बताया कि उनके उत्पादों को नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, भारतीय रेलवे, भारतीय सड़क कांग्रेस और अन्य सरकारी संस्थानों द्वारा मान्यता प्राप्त है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस पर्यावरण अनुकूल और अभिनव समाधान को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। मंत्रालय देश के 25 राज्यों में सैकड़ों किलोमीटर की लंबाई में बांस क्रैश बैरियर्स लगाने की परीक्षण परियोजनाएं शुरू करने के लिए तैयार है, जिनका क्रियान्वयन अगले कुछ महीनों के भीतर किया जाएगा।

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