The Stambh Investigation: बड़वानी के उमरटी से लारेंस गैंग को मिले पिस्टल, यही लेकर आए थे शूटर
रायपुर से एमपी, दिल्ली, झारखंड और राजस्थान गई टीमें, एटीएस भी आई

मध्यप्रदेश में सेंधवा तहसील मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर गांव उमरटी… ये पहले खरगोन जिले में था, अब बड़वानी जिले में है, लेकिन सब इंदौर के पुराने हिस्से ही हैं। करीब दो साल पहले इस गांव से जुड़े एक गैंग से दर्जनों पिस्टल जब्त हुई थीं। उसके बाद हुई जांच में यह बात आई थी कि यह गैंग लारेंस विश्नोई गैंग के शूटर्स को पिस्टल-रिवाल्वर उपलब्ध करवाता है। कनेक्शन निकलने के बाद एमपी पुलिस ही नहीं, एनआईए ने भी एक मामले में इन्वेस्टिगेशन की थी। कुछ गिरफ्तारियां की गई थीं। लेकिन कहते हैं कि उमरटी के गिरोहों का दमदार पिस्टल बनाने का काम अब भी बंद नहीं हुआ है। रायपुर में लारेंस गैंग के शूटर्स से मिली विदेशी पिस्टलों के साथ इस गांव का नाम फिर उभर गया है। रायपुर पुलिस फिलहाल यही बता रही है कि शूटर्स ने इंदौर के सेंधवा इलाके में किसी से पिस्टल खरीदी थी। लेकिन एमपी पुलिस के कुछ जानकार अफसरों के मुताबिक लारेंस गैंग के लोग हथियार अमूमन उमरटी वालों से ही लेते रहे हैं, यह बात आ चुकी है। रायपुर में शूटर्स से जो हथियार मिले, उनका ताल्लुक भी उमरटी से ही होने की आशंका है।
इस बीच, बुधवार को रायपुर से क्राइम ब्रांच की तीन टीमें मध्यप्रदेश, राजस्थान और झारखंड के लिए निकली हैं। एमपी की टीम उमरटी जाने वाली है या पहुंच चुकी है। उधर, झारखंड से एटीएस की टीम रायपुर में पकड़े गए शूटर्स से पूछताछ कर रही है। रायपुर और रायगढ़ में सुपारी लेकर पहुंचे शूटर्स के पीछे जो गैंग हैं, उसने प्रदेश में पहले भी धमकाने के लिए गोलियां चलाई हैं या धमकाने के दूसरे तरीके अपनाए हैं। रायपुर और कोरबा में झारखंड का संगठित माफिया पिछले दो साल में दो बार फायरिंग कर चुका है। पुलिस ने इन मामलों को कनेक्ट कर लिया है। जिनके यहां भी गोलियां चलाई गई थीं, सब के उस दौरान कोयला ढुलाई या सड़क बनाने के ठेके झारखंड में चलने की पुष्टि हो चुकी है।
ठेकेदारों से भी पूछेगी पुलिस- ये नौबत क्यों
एहतियातन अब रायपुर पुलिस ऐसे तमाम ठेकेदारों और कारोबारियों से बातचीत करने वाली है, जिनका झारखंड में कोल, मिनरल्स, निर्माण या ट्रांसपोर्टिंग का काम चल रहा है। पुलिस यह जानना चाहती है कि वहां गिरोहों से टकराव की परिस्थितियां बनने की क्या वजहे हैं और इससे बचने के लिए क्या कारगर उपाय किए जा सकते हैं। शूटरों को 2 जून को कोर्ट में पेश करके पुलिस फिर रिमांड लेने वाली है। उसके बाद इन मामलों पर काम शुरू होगा।