The Stambh Breaking : राजधानी में स्काईवाक पुराने डिजाइन पर ही बनेगा… लागत 37.75 करोड़ रुपए, शासन से आज मंजूरी… तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत बनवा रहे थे, सरकार बदली तब से बंद

राजधानी के हृदयस्थल पर पिछले सात साल की कबाड़ की तरह खड़े स्काईवाक को विष्णुदेव साय सरकार ने पहले के ड्राइंग-़डिजाइन पर फिर से बनाने का फैसला करते हुए इसके लिए 37.75 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं। स्काईवाक का अधूरा काम पूरा करने के लिए पीडब्लूडी महकमे ने 17 अप्रैल को टेंडर किए थे। टेंडर में दो कंपनियों ने हिस्सा लिया। इसमें से रायपुर की फर्म पीएसए कंस्ट्रक्शन को स्काईवाक का अधूरा काम पूरा करने का जिम्मा सौंप दिया गया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि इसकी ड्राइंग डिजाइन पुरानी ही रहेगी। यानी उसी डिजाइन पर काम होगा, जिसे पीडब्लूडी मंत्री रहते हुए राजेश मूणत ने फाइनल किया था और काम भी शुरु करवाया था। लेकिन सरकार बदलने की वजह से स्काईवाक का ढांचा 2018 से ही धूल खा रहा है।
पीडब्लूडी विभाग की ओर से राजधानी में स्काईवाक के अधूरे काम को पूरा करने का आदेश आज, 15 मई को जारी किया गया है। आदेश में स्पष्ट कर दिया गया है कि यह फुट ओवरब्रिज ही रहेगा। स्काईवाक का ढांचा अभी शास्त्री चौक से पुराना बस स्टैंड पार्किंग तथा यहीं से अंबेडकर अस्पताल तक बनकर पिछले सात साल से खड़ा है। इसकी शास्त्री चौक पर रोटेटरी बननी थी तथा शेष दोनों सड़कों पर थोड़े-थोड़े विस्तार की योजना भी थी। शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि इसके डिजाइन तथा पूरे प्लान में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। अधूरे स्काईवाक को पूरा करने की लागत का आंकलन पिछले एक साल से चल रहा था। आंकलन के आधार पर 31 करोड़ 41 लाख रुपए का आफसेट प्राइज था, लेकिन टेंडर में हिस्सा लेने वाली दोनों कंपनियों ने इससे ज्यादा रकम कोट की थी। आखिरकार न्यूनतम रेट भरनेवाली रायपुर की फर्म को 37.75 करोड़ रुपए में टेंडर दिया गया है।
कांग्रेस सरकार फैसला ही नहीं ले सकी कि बनाएं या तोड़ें
स्काईवाक का निर्माण जल्द दोबारा शुरू होने जा रहा है और एक बार इस मुद्दे पर राजनीतिक सक्रियता देखी जा सकती है। जिस वक्त स्काईवाक का निर्माण शुरू हुआ था, कांग्रेस ने इसका खासा विरोध किया था। 2018 के चुनाव से ठीक पहले यह शहर का बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था। विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस की सरकार बनी, तभी स्पष्ट हो गया था कि स्काईवाक को रहने नहीं दिया जाएगा। लेकिन कांग्रेस सरकार ने स्काईवाक पर विचार के लिए एक हाईलेवल कमेटी बना दी गई। यह कमेटी लंबी-चौड़ी एक्सरसाइज के बाद नतीजे पर तो पहुंची, लेकिन सरकार स्तर पर अंत तक तय नहीं हो पाया कि स्काईवाक का ढांचा तोड़ा जाए, या फिर इसे पूरा कर लिया जाएगा। 2023 के चुनाव में भाजपा सत्ता में लौटी, तभी यह चर्चा छिड़ गई थी कि अब स्काईवाक दोबारा बन सकता है। करीब सालभर के मंथन और तकनीकी टेस्टिंग के बाद पीडब्लूडी महकमे ने टेंडर फाइनल कर इसका काम पुराने डिजाइन पर ही दोबारा शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है।