आज की खबर

The Stambh Analysis : छत्तीसगढ़ में 5 लाख लोगों का शेयरों में लांग टर्म इन्वेस्टमेंट… पर ब्लैक मंडे की हाहाकारी गिरावट से यहां भगदड़ नहीं… अलबत्ता सोना-चांदी में तेज फिसलन की चर्चा

ट्रम्प के टैरिफ वार से देश के शेयर बाजार में कोरोना काल के बाद सोमवार को ऐसी ऐतिहासिक गिरावट आई कि इन्वेस्टरों ने सोमवार को ब्लैक मंडे का नाम दे दिया है। पूरा बाजार तकरीबन 10 फीसदी टूटा है, रिलायंस-अडानी जैसे भरोसेमेंट शेयरों के भाव भी मुंह के बल आ गए हैं। द स्तम्भ ने इस ऐतिहासिक गिरावट के छत्तीसगढ़ के निवेशकों पर पड़नेवाले इम्पैक्ट की पड़ताल की है। बाजार के मुताबिक यहां शेयर के 5 लाख कारोबारी होने का अनुमान है। आम लोगों के म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट को जोड़ें तो यह संख्या 10 लाख के आसपास पहुंचती है। सोमवार को सभी को बड़ा नुकसान हुआ है, फिर भी छत्तीसगढ़ के 90 फीसदी इन्वेस्टर्स में भगदड़ नहीं है। स्थिति यह भी नहीं है कि इतने घाटे की वजह से सब कल ही अपने शेयर धड़ाधड़ निकालेंगे और बिकवाली का भारी दबाव आ जाएगा। कारोबारियों का कहना है कि यहां ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है, क्योंकि प्रदेश के अधिकांश इन्वेस्टर लांग टर्म यानी दीर्घ अवधि का निवेश करने वाले हैं। वे रोज मुनाफा देखते तो हैं, लेकिन रोज के मुनाफे के लिए शेयर में पैसा नहीं लगा रहे हैं। बल्कि अच्छे शेयर्स खरीदकर वे लंबे समय तक रखते हैं। ठीक उसी तरह, जैसे गोल्ड या प्रापर्टी के इन्वेस्टर, जो अगले दिन बेचने के लिए खरीदी नहीं करते हैं। छत्तीसगढ़ में शेयरों में कितना इन्वेस्टमेंट है, इसका अनुमान किसी के पास नहीं है, क्योंकि इस कारोबार का यहां कोई सेंट्रलाइज्ड डेटा नहीं है। लेकिन जिस भी इन्वेस्टर से बात की जा रही है, वे सोमवार को अपने शेयर्स में 50 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का घाटा बता रहे हैं। फिर भी, उनमें घबराहट नहीं है क्योंकि अधिकांश का कहना है कि यह उनका लांग टर्म इन्वेस्टमेंट है। थोड़ी गिरावट और आ सकती है, लेकिन फिर धीरे-धीरे बाजार सुधरने लगेगा। एक-दो माह में घाटा कवर हो जाएगा और फिर स्थिति वैसी ही हो जाएगी, जैसी आज से एक दिन पहले थी।

इधर, छत्तीसगढ के सराफा बाजार में शेयर की अंधाधुंध गिरावट से अगले कुछ दिन तक सोना-चांदी के रेट में गिरावट की चर्चाएं तेज हो गई हैं। दरअसल यह पैटर्न है कि जब-जब शेयर के रेट गिरते हैं, धातु के भाव भी नीचे जाते हैं। सोने में दस ग्राम में हजार रुपए और चांदी में एक किलो में दो-तीन हजार रुपए की गिरावट को सराफा कारोबारी बड़ी गिरावट नहीं मानते, क्योंकि इस तरह की कमी-वृद्धि रूटीन है। सराफा कारोबारियों की नजर इस बात पर है कि मंगलवार को बाजार इससे ज्यादा गिरावट पर खुलता है या नहीं और अगले कितने दिनों में सोने का भाव स्थिर होकर चढ़ सकता है। फिर भी, सराफा में आशंका है कि अगले दो-तीन दिन तक सोने के भाव में गिरावट आ सकती है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button