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शराब स्कैम की FIR में शामिल आबकारी अफसरों पर कसा घेरा… शासन ने इन पर अभियोजन की स्वीकृति दी… अर्थात छापों से लेकर कानूनी कार्रवाई के रास्ते साफ

छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब स्कैम में आबकारी विभाग के जिन अफसरों के नाम आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) की एफआईआर में हैं, शासन ने उन सभी के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। इसका आशय यह है कि ईओडब्लू को इस बात के लिए हरी झंडी मिल गई है कि वह इन अफसरों पर सीधी कानूनी कार्रवाई करे। अभियोजन स्वीकृति मिलने के साथ ही यह भी तय हो गया है कि ईओडब्लू शराब स्कैम में जो भी चालान पेश करेगा, उसमें इन अफसरों के नाम बतौर आरोपी शामिल किए जाएंगे और सभी को केस के मुकदमे में जाना होगा। अभियोजन स्वीकृति के बाद जिन अफसरों के खिलाफ केस चलाने का रास्ता साफ हुआ है, उनमें तत्कालीन एडिशनल डायरेक्टर, ज्वाइंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, जिला आबकारी अधिकारी और कुछ एडीईओ-इंस्पेक्टर रैंक के भी अफसर हैं। शराब स्कैम की एफआईआर में 36 आरोपी बनाए गए हैं। इनमें से राजनेता, अफसर तथा कारोबारियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। इधर, ईओडब्लू ने शनिवार को सुबह बस्तर के पाँच कस्बों में 15 ठिकानों पर छापे मारे हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अधिकांश परिसरों पर छापे जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के कनेक्शन पर मारे गए हैं।

शराब स्कैम की जांच कर रहे ईओडब्लू ने पूर्व में मिली अभियोजन स्वीकृति के आधार पर कुछ अफसरों की गिरफ्तारी की थी। एफआईआर में जितने भी अफसरों के नाम हैं, सभी को बारी-बारी से बुलाकर पूछताछ की जा चुकी है। कई बार इनकी गिरफ्तारी का हल्ला भी मचा, लेकिन बाद में स्पष्ट हुआ कि ईओडब्लू को शासन से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली थी, इसलिए कार्रवाई रुकी हुई थी। अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद अब बचे हुए अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।

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