साय कैबिनेट के अहम फैसले… जहां बसें नहीं चलतीं, वहां अब सीएम बस सर्विस… दिव्यांग, वृद्धों को किराया नहीं, धुर नक्सल क्षेत्रों में हाफ… रोड टैक्स में रियायतें, बड़े आपरेटरों को परमिट नहीं

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट बुधवार को अहम फैसले लिए, जिनमें से एक-दो फैसले ऐसे हैं जिनका नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को फायदा और सहूलियत होने वाली है। साय सरकार ने सुदूर अनुसूचित क्षेत्रों में जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं केे बराबर है, वहां बसें चलाने के लिए नई योजना लांच कर दी है। सुविधा का नाम ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ रखा गया है, लेकिन शुरू होने से पहले ही इसे सीएम बसें कहा जा रहा है। यह सुविधा 18 सीटर मिनीबस से लेकर 42 सीटर बसों तक में दी जाएगी। यह उन इलाकों के लिए रहेगी, जहां बसें नहीं हैं। इसलिए माना जा रहा है कि बस्तर के रिमोट एरिया के लिए यह योजना सर्वाधिक फायदेमंद साबित होने वाली है। कैबिनेट से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इन बसों में दिव्यांग, 80 के वृद्ध समेत कुछ श्रेणियों में किराया नहीं लगेगा। इसलिए अलावा नक्सल प्रभावितों को हाफ किराया ही देना होगा। इसमें परमिट से लेकर रोड टैक्स तक कई राहतें हैं, लेकिन एक बात साफ है कि इन बसों का परमिट बड़े आपरेटर्स को नहीं दिया जाएगा। सभी बड़े आपरेटर शराब ठेकों की तरह अपने कर्मचारियों को आगे बढ़ाकर परमिट लेने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन जिन्हें भी परमिट दिया जाएगा, उनकी पूरी जांच-पड़ताल की जाएगी, ताकि यह सेवा भी बड़े आपरेटर्स के हाथ में न फंस जाए।
सीएम साय कैबिनेट की बैठक बुधवार को दोपहर लगभग 12 बजे महानदी मंत्रालय में शुरू हुई और लगभग एक घंटा चली। इसी बैठक में बर्खास्त सहायक शिक्षकों को नौकरी देने का फैसला भी लिया गया है। साय कैबिनेट ने राज्य के सुदूर अनुसूचित एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ शुरू करने का निर्णय लिया है। योजना के तहत 18 से 42 सीटर वाहनों को परमिट और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इन्हें किन ग्रामीण मार्गों पर चलाना है, इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति बनेगी। परमिट स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अजा-जजा, ओबीसी, महिला तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता मिलेगी। लाभार्थियों का चयन टेंडर से होगा। बसें चलान के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से 3 साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी। साथ ही, वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रु प्रति किमी, द्वितीय वर्ष में 24 रु प्रति किमी तथा तृतीय वर्ष में 22 रु प्रति किमी विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।
साय कैबिनेट के कुछ और अहम फैसले
तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में साय कैबिनेट ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नवा रायपुर अटल नगर में State of Art NIELIT की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान NIELIT को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। राज्य में NIELIT केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा।
इसी तरह, रेगहा, बटाई, लीज और डुबान क्षेत्र पर खेती करने वाले किसानों को भी सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ मिलेगा। मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे उक्त समस्त कृषक जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।