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रायपुर सुपारी केसः शूटर्स गैंग जेल गया, चार और सदस्यों को पकड़ने निकली टीमें

छत्तीसगढ़ के रायपुर में कोल ट्रांसपोर्टेशन ठेकेदार और रायगढ़ में सड़क ठेकेदार की सुपारी लेकर पहुंचे लारेंस गैंग के दो शूटर और दो बाइक राइडर्स को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। चारों जेल भेज दिए गए हैं। लगभग छह दिन की इन्वेस्टिगेशन में पुलिस को इस गैंग के कुछ और नाम मिले हैं। इनमें से दो कुख्यात शूटर्स हैं। इसके अलावा गैंग को हथियार उपलब्ध करवाने वाला एक हैंडलर भी है। सभी पुलिस की निगरानी में हैं और छापे मारकर पकड़ने के लिए रायपुर क्राइम ब्रांच की टीमें मध्यप्रदेश तथा राजस्थान रवाना हो गई हैं। द स्तंभ ने रायपुर को शूटर्स को पिस्टल मध्यप्रदेश के उमरटी से मिलने का खुलासा किया था। आला अफसरों ने नामा कि इस केस का उमरटी के आसपास के एक हथियार स्मगलर से कनेक्शन मिल गया है। संभवतः उसी को घेरने के लिए एक टीम मध्यप्रदेश में दो अलग-अलग जगह निगरानी कर रही है।

कारोबारी मांगें तो किए जाएंगे पूरे सुरक्षा इंतजाम

रायपुर सुपारी केस की इन्वेस्टिगेशन को पूरी तरह आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने अपनी निगरानी में रखा है, इसलिए इस गैंग के बाकी लोगों के नाम और कारनामे अभी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के जो लोग झारखंड में बड़े ठेके लेकर काम कर रहे हैं, पुलिस उनके संपर्क में भी है। इनमें से अधिकांश ने निजी तौर पर सुरक्षा व्यवस्था कर ली है। पुलिस का कहना है कि कोई भी व्यापारी संपर्क करेगा और जरूरत के मुताबिक उसके सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे।

लारेंस गैंग, मलेशियाई हैंडलर पर साइबर नजरें

सुपारी किलिंग के लिए शूटर्स को रायपुर भेजने वाले लारेंस गैंग के मलेशिया (क्वालालंपुर) में बैठे हैंडलर मयंक सिंह के बारे में जानकारियां भी रायपुर पुलिस जुटा रही है। चूंकि मामला विदेश का है और प्रत्यर्पण जैसी स्थिति बनेगी, इसलिए दिल्ली में कानूनी पहलुओं पर बातचीत चल रही है। इंटरनेट पर उसकी गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है, लेकिन जानकारों का कहना है कि गैंगस्टर साइबर मामलों को लेकर होशियार हैं और आईपी एड्रेस ऐसे नहीं हैं कि पुलिस सीधे वहां पहुंच सके।

 

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