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निर्माण ठेकेदारों की सांठगांठ पर बड़ा वार… पीडब्लूडी ने नियम बदले, अब टेंडर कैंसिल होना नामुमकिन… रीटेंडर अर्नेस्ट मनी भी बढ़ाई, देखें आदेश

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सड़कें तथा अन्य बड़े निर्माण कार्यों में ठेकेदारों की सांठगांठ रोकने तथा एक रेट डालकर रीटेंडर की स्थिति पैदा करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार टेंडर के नियम ही बदल दिए हैं। राजनांदगांव से मोहला-मानपुर तक सड़क का काम रीटेंडर की वजह से बेहद लेट होने के बाद शासन ने टेंडर के मामले में ऐसा नियम लाया है, जिससे ठेकेदार मिलकर एक रेट भी भरेंगे, तब भी इनमें से एक को एल-1 होना ही पड़ेगा। यही नहीं, एल-1 को काम करना ही होगा, इसके लिए अर्नेस्ट मनी काफी बढ़ा दी गई है। ताकि एल-1 होने के बाद भी काम शुरू नहीं करने वाले ठेकेदारों को तगड़े नुकसान का सामना करना पड़े। पीडब्लूडी सेक्रेटरी डा. कमलप्रीत सिंह ने नए संशोधन की पुष्टि की है।

टेंडर नियम में नए संशोधन की कुछ खास वजहें हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ में ऐसे मामले बढ़ने लगे थे कि अगर किसी टेंडर को लेकर ठेकेदारों में आपसी सहमति नहीं बन पाए, तो वे एक साथ एक ही रेट डालकर टेंडर कैंसिल करवा रहे थे। ऐसे में शासन को रीटेंडर करना पड़ रहा था। इसमें समय बर्बाद हो रहा था और काम लेट शुरू होने से बाद में दूसरी तरह की दिक्कतें भी आ रही थीं। पीडब्लूडी महकमा काफी दिन से मंथन कर रहा था कि इस प्रवृत्ति को रोकने तथा हर ठेके में हर हाल में किसी न किसी ठेकेदार को एल-1 किया जाए। इसके लिए शासन ने डीटेल्ट नोटिस इनवाइटिंग टेंडर की कंडिका 4.6 तथा लंपसम कांट्रेक्ट फार्म-एफ की कंडिका 2.9 को संशोधित कर दिया है। इसके मुताबिक अगर दो या अधिक ठेकेदार एक ही लोएस्ट रेट कोट करते हैं, तब टेंडर कैंसिल होने के बजाय उस ठेकेदार को टेंडर दिया जाएगा, जिसकी बिड कैपेसिटी अधिक हो। जाहिर है, एक जैसा रेट डालने वाले ठेकेदारों की बिड कैपेसिटी यानी काम करने की क्षमता तय फार्मूले के अनुसार अलग-अलग ही निकलेगी, ऐसे में एल-1 होने वाले ठेकेदार को काम करना ही होगा। इसमें एक काम और किया गया है। अर्नेस्ट मनी इतनी कर दी गई है कि जिस ठेकेदार को टेंडर मिले, वह इसे छोड़ना भी चाहे तो अर्नेस्ट मनी के नुकसान की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाएगा। अफसरों ने बताया कि यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

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