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स्काईवाक का निर्माण तो नहीं, पर राजनीति शुरू… कांग्रेस ने उठाया 104 करोड़ रु खर्च पर सवाल… कटाक्ष- बजट 37 से बढ़ाकर 67 करोड़ किया था, अब 37 करोड़ फिर दे दिए

छत्तीसगढ़ शासन ने राजधानी में कबाड़ हो रहे स्काईवाक को 37 करोड़ रुपए में पूरा करने का टेंडर जारी करते हुए रकम मंजूर की। स्काईवाक का काम अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन राजनैतिक धमाचौकड़ी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने स्काईवाक पर छह साल पुराना अपना स्टैंड बरकरार रखते हुए इसे अनुपयोगी बता दिया है। यही नहीं, पार्टी की ओर से कहा गया है कि स्काईवाक का सबसे पहला बजट 37 करोड़ रुपए का था। निर्माण शुरू होने के बाद इसे बढ़ाकर 67 करोड़ रुपए कर दिया गया। छह साल बाद फिर 37 करोड़ रुपए का ठेका मंजूर हुआ, यानी स्काईवाक की कुल लागत 104 करोड़ रुपए कर दी गई। कांग्रेस ने कहा कि इतने पैसे ऐसी संरचना पर खर्च करना उचित नहीं है, इतने में तो शहर में कई उपयोगी फ्लाईओवर बन सकते थे। पार्टी ने सीएम विष्णुदेव साय से अपील की है कि इस काम को रोका जाना चाहिए, क्योंकि इससे शहर के ट्रैफिक को कोई लाभ नहीं होने वाला है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला और वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय ठाकुर की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शहर की अधिकांश जनता, बुद्धिजीवी, व्यापारी और डॉक्टर समेत सभी वर्ग स्काईवाक के खिलाफ था। यही वजह थी कि इसका काम छह साल से रुका था। अब अधूरे स्काईवॉक को पुनः बनाने का फैसला कर लिया गया है। कांग्रेस ने दावा किया कि आम लोगों की प्रतिक्रिया इसके खिलाफ आ रही है। सरकार को स्काईवॉक को बनाने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और शहर के भविष्य के मांग के अनुरूप फ्लाई ओवर बनाने पर योजना बनानी चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह काम जिद पर किया जा रहा है और इसे पूरी करने के लिए सरकारी खजाना खोल दिया गया है। स्काई वॉक बनाने के लिए पहले लगभग 37 करोड रुपए का टेंडर हुआ था काम शुरू होने के डेढ़ माह बाद ही लागत 67 करोड रुपए कर दी गई। लेकिन स्काईवॉक अधूरा ही रहा। एक बार फिर 37 करोड रुपए का टेंडर फाइनल कर लिया गया। अर्थात स्काईवॉक बनाने में लगभग 104 करोड रुपए खर्च होंगे। यह ऐसा खर्च है, जिसका शहर को कोई फायदा नहीं होने वाला है।

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