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छत्तीसगढ़ में महिलाएं-बच्चियां असुरक्षित…रेवन्ना के लिए वोट मांगने वाले सत्ताधीशों का आरोपियों को संरक्षणः सुप्रिया श्रीनेत

कांग्रेस की फायरब्रांड वक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ में महिलाओं-बच्चियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां दुष्कर्मियों को पूरी तरह से सत्ताधारियों को संरक्षण मिल रहा है। पीड़ित महिलाएं रिपोर्ट लिखवाने के लिए दर-दर भटकती हैं और पुलिस लीपापोती में जुटी रहती है। जो लोग कर्नाटक में प्रज्ज्वल  रेवन्ना जैसे लोगों के लिए वोट मांग रहे थे, वही छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म के आरोपियों को संरक्षण दे रहे हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि महिलाओं के लिए देश में कोई जगह सुरक्षित नहीं बची है। कितनी निर्भया चाहिए देश को, और कितनी निर्भया की कुर्बानी होगी, तब देश जागेगा और सत्ता का संरक्षण खत्म होगा?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला के साथ प्रेस कांफ्रेंस में सुप्रिया श्रीनेत ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि रायपुर के बस स्टैण्ड में गैंगरेप को पुलिस सामान्य दुष्कर्म बना देती है, भिलाई में बच्ची का शोषण होता है, रायगढ़ में आदिवासी महिला से 14 लोग दुष्कर्म करते हैं, जशपुर में बच्ची से गैंगरेप होता है या कोण्डागांव में… जैसे ही इस तरह की वारदात होती है, सरकार दुराचारी को बचाने में जुट जाती है। पुलिस लीपापोती करने लगती है। 20-20 दिन तक एफआईआर नहीं लिखी जाती। उन्होंने पूछा कि सरकार क्या कर रही है, किसके साथ खड़ी है। क्या सरकार और सत्ताधारी लोग देश की बेटियो और महिलाओं के साथ खड़े हैं ? चाहे दिल्ली हो, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश हो या छत्तीसगढ़, सत्ता का संरक्षण हमेशा आरोपियो को मिलता है।

छत्तीसगढ़ में पिछले 8 महीने में लगभग 600 बलात्कार के मामले सामने आये है। महिलाओं के खिलाफ 3 हजार से ज्यादा अपराधिक गतिविधियां हुई हैं। प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र के आईआईटी के भाजपा आईटी सेल के तीन कार्यकर्ता गैंगरेप के आरोपी है। 2 को बेल मिल जाती है और जब घर आते है तो ऐसा स्वागत होता है, मानो देश की आजादी की लड़ाई लड़कर आये हो। इसलिए अपराधियों में हौसला है। यही छत्तीसगढ़ में भी हो रहा है। छत्तीसगढ़ की पहचान माई से है, पर इसी प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं।

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