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जिस गांव में सीएम साय उतरे, वहां पानी संकट… इंजीनियर को चेतावनी- सस्पेंशन के लिए तैयार रहो… सरकारी अमला सकते में, ग्रामीणों ने बजाई तालियां

सीएम विष्णुदेव साय आमतौर पर सरल व्यवहार के लिए पहचाने जाते हैं, लेकिन कभी-कभार अचानक भड़कते भी हैं। खासतौर पर तब, जब जनसुविधा की शिकायत हो और सामने नजर आ रहा हो कि सरकारी अमले की लापरवाही है। सुशासन तिहार में सीएम साय और टीम सोमवार को जीपीएम के चुकतापानी गांव में अचानक उतरी। हेलिकाप्टर उतरता देखकर पूरा गांव इकट्ठा हो गयी। फूलों से भरी टोकरी से सीएम का स्वागत किया गाय। सीएम ने वहीं महुआ पेड़ के नीचे चौपाल शुरू की। गांववालों से पूछा कि क्या दिक्कत है, सभी एक सुर में बोल उठे- पानी का संकट है। सीएम ने तुरंत पीएचई के इंजीनियरों को बुलवाने भेजा। सब इंजीनियर पहुंचे, तो उनसे पूछा कि गांव में कितने हैंडपंप हैं, कितने चालू हैं और मरम्मत कब से नहीं हुई। इंजीनियर सवालों के जवाब ठीक से नहीं दे पाए तो सीएम भड़क गए। ऐसा पहली बार हुआ कि उन्होंने इंजीनियर से कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूंगा, सस्पेंशन के लिए तैयार रहो। फिर उन्होंने इंजीनियर को वहां से चले जाने के लिए कह दिया। सीएम के तेवर देखकर वहां मौजूद सरकारी कर्मचारी सकते में आ गए, लेकिन गांववालों ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर की।

इससे पहले, सीएम साय बिलासपुर के आमागोहन समाधान शिविर में पहुंचे और ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। सीएम से बातचीत के दौरान गांव की विमला साहू ने बताया कि उन्हें महतारी वंदन के तहत हर महीने एक हजार रुपए मिल रहे हैं, इस पैसे को वो अपने नातिन के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में राशि बैंक में जमा करती हैं। मोहली के छोटेलाल बैगा ने बताया कि पहले उनका घर कच्चा था, जहां बारिश में पानी टपकने से लेकर जहरीले जीव जंतुओं का खतरा हमेशा बना रहता था, अब पीएम आवास  से जीवन आसान हुआ है। दिलेश्वरी खुसरो ने बताया कि घर में दो लोगों का आयुष्मान कार्ड है, इसलिए बीमारी के दौरान चिंता नहीं रहती। इसके बाद सीएम साय ने गांववालों के साथ बैठकर भोजन किया। उन्होंने कहा कि जो सरकार अच्छा काम करती है, उसी की जनता के बीच जाने की हिम्मत होती है।

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