गैर नक्सल जिलों के आईजी-एसपी की बैठक में डीजीपी जुनेजा के सख्त तेवर… रिकवरी एजेंटगिरी और शहंशाहों सा बर्ताव छोड़ना होगा
छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था से जुड़ी बड़ी घटनाओं तथा भिलाई में बदमाश के एनकाउंटर के बाद डीजीपी अशोक जुनेजा ने बस्तर के छोड़कर प्रदेश के 4 आईजी और 28 एसपी की अहम बैठक में कड़े तेवर दिखाए हैं। इस दौरान कई एसपी की खिंचाई की भी सूचना है। बताते हैं कि सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर हुई बैठक में डीजीपी जुनेजा ने यहां तक कह दिया है कि पुलिस का काम रिकवरी एजेंट का नहीं है। हम जनता के सेवक हैं, शहंशाहों जैसा व्यवहार छोड़ना होगा, अन्यथा इसके परिणाम भी होंगे। बैठक पूरी तरह विभागीय सरकारी मशीनरी से जुड़ी थी, इसलिए इसमें गृहमंत्री विजय शर्मा समेत कोई जनप्रतिनिधि शामिल नहीं थे।
इस बैठक को लेकर पूरे पुलिस मुख्यालय में खामोशी है। बैठक गुरुवार को हुई है, लेकिन मीडिया को इसकी भनक नहीं लगने दी गई। बैठक के बाद बातें अब बाहर आ रही हैं। बताते हैं कि डीजीपी जुनेडा और खुफिया चीज अमित कुमार, दोनों ने ही कई मामलों में की गई कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कुछ एसपी से गंभीर सवाल-जवाब भी किए हैं। एक जिले में अवैध शराब के मामले में पुलिस की ढीलेपन के उदाहरण पेश किए गए, तो कुछ एसपी की उनके जिलों में गंभीर वारदातें होने के बाद भी कामकाज में सतर्कता नहीं बरतने पर खिंचाई करने की सूचना है। उन जिलों को खासतौर पर टारगेट किया गया, जहां कानून-व्यवस्था की बड़ी वारदातें हुई हैं। हालांकि इनमें से कुछ जिलों में पुलिस की सक्रियता पर संतोष भी जाहिर किया गया है। एक गैर नक्सल प्रभावित सीमावर्ती जिले के अफसरों के इन्वेस्टिगेशन पर सवाल उठाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक डीजीपी जुनेजा ने सभी आईजी-एसपी से साफ कर दिया है कि कानून-व्यवस्था पर किसी तरह के सवाल उठे, तो फिर संबंधित अफसरों को परिणाम के लिए तैयार रहना होगा। जिलों में पुलिस के बर्ताव पर संयम बरतने की सख्त ताकीद की गई और कहा गया कि शहंशाहों की तरह नहीं, बल्कि लोकसेवक की तरह बिहेव करना होगा।