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पांच साल पुराने नान घोटाले में ईडी का रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला के भिलाई बंगले पर छापा… शुक्ला एमपी में होने के कारण नहीं मिले, प्रदेश में 10 जगह रेड

केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2020 के नान घोटाला मामले में गुरुवार को रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ला के तालपुरी-भिलाई स्थित निवास समेत प्रदेशभर में 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। नान घोटाले का केस सेंट्रल ईडी ने रजिस्टर किया था। केस तब का है, जब रिटायर्ड आईएएस शुक्ला तथा रिटायर्ड आईएएस टुटेजा छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में क्रमशः चेयरमैन और एमडी थे। दोनों को सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में अग्रिम जमानत मिली हुई थी। इसे कई साल की सुनवाई के बाद शीर्ष कोर्ट ने तीन दिन पहले खारिज किया। इसके बाद से ही ईडी एक्शन मोड में है।

ईडी की टीमों ने भिलाई समेत सभी 10 जगह इस बार सुबह 5 बजे से पहले ही छापेमारी कर दी। सूत्रों के मुताबिक आलोक शुक्ला घर पर नहीं मिले हैं, क्योंकि वे एमपी में रहने लगे हैं और कभी-कभार भिलाई आते हैं। उनके निवास पर अब भी ईडी की टीम मौजूद है। दावा किया गया है कि छापेमारी में ईडी को कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले हैं। ईडी ने इन्हें जब्त कर लिया है, लेकिन ब्योरा नहीं मिला है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद चर्चा है कि नान घोटाले की परतें और खुल सकती हैं और आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां संभव हैं। बता दें कि नान घोटाले पर एक्शन शुरू करने से पहले रायपुर एओडब्लू ने नान के दफ्तर में छापा मारा था। वहां काफी कैश मिला था। इस आधार पर तत्कालीन महाप्रबंधक समेत कई लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। सभी अभी जमानत पर हैं। ईडी सूत्रों का मानना है कि इस छापेमारी के बाद अगले कुछ दिन में नान घोटाला नए मोड़ पर जा सकता है। इस मामले में मीडिया में गिरफ्तारी वगैरह को लेकर कई चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन ये पुष्ट नहीं हैं। अभी यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि आलोक शुक्ला पर किन सबूतों के आधार पर छापा मारा गया है।

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