विदेशी फंडिंग वाले NGO अब सरकार के निशाने पर… इन पर धर्मांतरण को प्रमोट करने का शक… चंगाई सभाओं पर भी सख़्त एक्शन की तैयारी

छत्तीसगढ़ सरकार अब ऐसे सभी एनजीओ की सख्त निगरानी शुरू करने जा रही है, जिन्हें हेल्थ और एजुकेशन के नाम पर विदेशों से फंड मिल रहा है। सरकार को आशंका है कि इस फंडिंग से धर्मांतरण को प्रमोट किया जा रहा है। बता दें कि ऐसे एनजीओ बस्तर और सरगुजा समेत आदिवासी बहुल इलाकों में काम कर रहे हैं। सीएम विष्णुदेव साय ने इस मामले में बड़ा स्टैंड ले लिया है।सीएम साय ने दो-टूक कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर विदेशी धन प्राप्त करती हैं। वह इसकी आड़ में स्थानीय लोगों को भ्रमित कर, लालच देकर और चंगाई सभाओं के ज़रिए के धर्मांतरण करवा रही हैं। इनकी गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे एनजीओ को जिस उद्देश्य से विदेशी फंडिंग हो रही है, वो इन पैसों का सही उपयोग कर रहे हैं या नहीं।
सीएम साय ने निर्देश दिया है कि राज्य में कार्यरत उन एनजीओ की गहन जांच की जाए, जिन्हें विदेशी फंडिंग मिली है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी एनजीओ स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर विदेशी फंडिंग लेकर किसी भी तरह की अवैध गतिविधि में लिप्त न हो। यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां हर व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार धर्म मानने की स्वतंत्रता है। लेकिन जब अशिक्षा, गरीबी, चंगाई या लोक-परलोक के नाम पर लोगों को बहकाकर या प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो यह न केवल अनैतिक है, बल्कि संविधान की मूल भावना के भी विरुद्ध है।
सांप्रदायिक सौहार्द हमारी प्राथमिकता, लेकिन…
सीएम साय कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है। राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लेकिन यदि कोई भी संस्था धर्मांतरण के माध्यम से समाज में अस्थिरता फैलाने का प्रयास करती है, तो सरकार उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार केंद्र सरकार और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर आवश्यक कदम उठाएगी।