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पहली बारः स्कूलों में सोमवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव में साधु-संतों को भी बुलाने के निर्देश

छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में सोमवार, 22 जुलाई को गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने के निर्देश शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं। इस उत्सव में शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा। राष्ट्र निर्माण में गुरुजनों की भूमिका पर भी बात होगी। इस बार स्कूलों में गुरु पूर्णिमा उत्सव की खास बात ये है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली बार हर स्कूल के कार्यक्रमों में साधु-संतों को भी बुलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी स्कूलों में गुरु पूर्णिमा से पूरे एक हफ्ते तक शिक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। इसके तहत हर दिन अलग-अलग कार्यक्रम होंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव की ओर से कलेक्टरों से कहा गया है कि गुरु पूर्णिमा पर हर स्कूल में एक दिन के उत्सव का फैसला सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट में लिया गया है। कार्यक्रम की एसओपी जारी की गई है। इसके मुताबिक हर स्कूल में सोमवार को सुबह मां सरस्वती वंदना और गुरु वंदना के साथ गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम की शुरुआत होगी। प्रार्थना सभा के बाद गुरु-शिष्य परंपरा और गुरुकुल परंपरा पर प्रकाश डाला जाएगा। छात्र भी गुरु के साथ अपने संस्मरण सुनाएंगे। इस दिन गुरु पर केंद्रित संभाषण और निबंध लेखन भी करना है। जारी आदेश के मुताबिक इस उत्सव में स्कूलों को यथासंभव साधु-संतों, गुरुजनों, रिटायर्ड शिक्षकों, पूर्व छात्रों और पैरेंट्स को भी आमंत्रित किया जाना है।

सोमवार से शनिवार तक मनेगा शिक्षा सप्ताह

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर की तरह छत्तीसगढ़ में भी सभी सरकारी-निजी स्कूलों में 22 जुलाई से एक सप्ताह तक ‘शिक्षा सप्ताह’ का आयोजन किया जाएगा। जा रहा है। पहले दिन यानी 22 जुलाई सोमवार को टीएलएम दिवस मनाया जाएगा, जिसमें शिक्षकों को स्थानीय सामग्री के प्रदर्शन एवं कक्षा में इनके उपयोग हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। मंगलवार को एफएलएन दिवस मनेगा। बुधवार को खेल दिवस के अंतर्गत खेल और फिटनेस के महत्व हेतु प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। चौथे दिन, गुरुवार को सांस्कृतिक दिवस में विद्यार्थियों में विविधता में एकता की भावना विकसित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। पांचवें दिन, शुक्रवार को कौशल एवं डिजिटल पहल दिवस के तहत विभिन्न कौशल को बढ़ावा देने तथा डिजिटल पहल को प्रोत्साहित करने से जुड़े कार्यक्रम होंगे। छठवें दिन यानी शनिवार को स्कूलों में इको क्लब का गठन किया जाएगा तथा एक पेड़ मां के नाम के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम होंगे। सातवें और अंतिम दिन रविवार को स्थानीय समुदाय, जन-प्रतिनिधि, पालक, एसएमसी, पीटीए, पंचायती राज संस्थाओं से मिलकर अधिकतम भागीदारी और न्योता भोज का आयोजन होगा।

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