छत्तीसगढ़ में पहली बारः पुलिस का म्यूल अकाउंट पर शिकंजा, तो ठगों ने इसे ही बनाया धंधा… दुर्ग की वकील से आईपीएस बनकर ठग लिए 41 लाख रुपए
यह पूरा किस्सा नया है, छत्तीसगढ़ में संभवतः पहली बार ऐसा हुआ है, इसलिए इस खबर को ध्यान से पढ़िए। सायबर ठगों को कमीशन पर अपने बैंक खाते खोलकर देने वालों के खिलाफ छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में सायबर पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, उधर, सायबर ठगों ने इसे भी अपने धंधे में कन्वर्ट कर लिया है। छत्तीसगढ़ और संभवतः देश में ऐसा पहला केस होगा, जब दुर्ग डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में प्रैक्टिस करनेवाली एक वकील को डिजिटली अरेस्ट कर सायबर ठगों ने उसके खाते से 41 लाख रुपए ट्रांसफर करवाए और हड़प लिए। कुछ मिनट में इतनी बड़ी रकम गंवा बैठी वकील ने दुर्ग कोतवाली में केस रजिस्टर किया है।
एफआईआर में ठगी के तरीके का ब्योरा दिया है, जिसे समझ लीजिए। नई दिल्ली से महिला वकील को एक काल आया, जिसमें दो लोगों ने उससे बात की। एक ने अपना नाम दीपक बताया और दूसरे ने सुनील गौतम। यह वीडियो काल थी। दोनों ने खुद को आईपीएस अफसर बताया और कहा कि दिल्ली में मनीलांड्रिंग के मामले में संदीप नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसकी जांच में 180 म्यूल बैंक खातों का पता चला है। संदीप ने इन खातेदारों को जमा पैसों पर 10 प्रतिशत कमीशन आफर किया था। फिर दोनों ने वकील से कहा कि इनमें से एक खाता उनके नाम पर भी है। यह एचडीएफसी बैंक दिल्ली में खुला है। इस खाते में 8.70 करोड़ रुपए जमा हैं। यह रकम ठगी की है, यह कहते हुए दोनों ने वकील को अरेस्ट करने का झांसा दिया। दोनों ने वकील को इस तरह डराया कि उसने अपने खाते से 41 लाख रुपए ठगों के बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठगों ने वीडियो काल डिसकनेक्ट कर दिया। थोड़ी देर के बाद वकील को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है। तब उसने कोतवाली में रिपोर्ट लिखवाई। पुलिस अब दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है। यह पूरा किस्सा इसलिए विस्तार से पढ़ना जरूरी है, क्योंकि म्यूल अकाउंट में कार्रवाई चल रही है, इसलिए किसी को भी इस तरह के डराने वाले काल आ सकते हैं। आईजी अमरेश मिश्रा पहले ही अलर्ट जारी कर ऐसे किसी भी काल को फर्जी करार चुके हैं। अफसरों ने कहा कि किसी भी तरह की जांच में कोई व्यक्ति ऐसा खातेदार मिलता है, तो पुलिस सीधे उसके घर जाती है, न कि उससे फोन पर संपर्क करती है।