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हाथियों ने तीन साल दबाए रखी इंटरस्टेट रोड… अब पीडब्लूडी ने बनाने की ठानी… केंद्र को भेजा वन क्लीयरेंस प्रपोजल

छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ने वाली बेहद महत्वपूर्ण 170 किमी की अंबिकापुर-गढ़वा इंटरस्टेट रोड को पीडब्लूडी महकमा तीन साल से बनाने की कोशिश करता रहा, लेकिन हर बार हाथियों ने ऐसी रुकावट डाली कि मरम्मत तक नहीं हो पाई। जगह-जगह से सड़क की हालत ऐसी हो गई कि इतने सफर में सात से आठ घंटे तक लग रहे हैं। इस रास्ते में काफी घना जंगल है और हाथी यहां की बड़ी दिक्कत हैं। लेकिन अब सीएम विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव ने इसे हर हाल में बनाने की पहल की, क्योंकि मामला इंटरस्टेट कनेक्टिविटी का है। पीडब्लूडी महकमे ने भी इसका टेंडर कर दिया और तय किया है कि सालभर के भीतर हर हाल में इस सड़क को पूरी तरह सुधार दिया जाएगा।

अंबिकापुर में डिप्टी सीएम अरुण साव और पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह ने सरगुजा इलाके में सड़क निर्माण कार्यों की समीक्षा की थी। बैठक में ईएनसी केके पिपरी भी थे। उसमें भी उठा था छत्तीसगढ़-झारखंड इंटरस्टेट रोड का मुद्दा।

पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह की ओर से इस सड़क के फारेस्ट क्लीयरेंस का प्रपोजल 8 अक्टूबर को केंद्र सरकार को भेजा गया है। हाथियों की रुकावट दूर करने के लिए इसका निर्माण पैचेस में करने की रणनीति बनाई गई है। निर्माण को लेकर सारी प्रक्रिया इतनी तेज रफ्तार से चल रही है कि दिसंबर तक इस सड़क के कई-कई किमी लंबे खराब हिस्से की मरम्मत शुरू कर दी जाएगी। इस इंटरस्टेट सड़क को छत्तीसगढ़ के हिस्से में पूरी तरह फोरलेन बनाने की तैयारी कर ली गई है। इससे रामानुजगंज के लिए भी शेष छत्तीसगढ़ के साथ बहुत अच्छी कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी और यात्रा का समय बचेगा। सूत्रों के मुताबिक इसके निर्माण में फंड की दिक्कत नहीं है। बड़ी चुनौती हाथियों का मूवमेंट भी है, लेकिन अफसरों का कहना है कि हाथियों को डिस्टर्ब किए बिना ही इस सड़क का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

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