ईडी ने अनवर-अरुणपति की रिमांड मांगी, यूपी से दोनों को लाना चाहते हैं रायपुर
केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नकली होलोग्राम मामले में उत्तरप्रदेश की जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व अफसर अरुणपति त्रिपाठी को आबकारी घोटाले में फिर पूछताछ के लिए रायपुर लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए बाकायदा अदालत से प्रोडक्शन वारंट लिया गया है और इसे उत्तरप्रदेश भी भेज दिया गया है। बताते हैं कि इसी दौरान ईडी के प्रोडक्शन वारंट के खिलाफ अनवर और अरुणपति के वकील हाईकोर्ट चले गए हैं। वहां सुनवाई और फैसले के बाद ही ईडी दोनों का वापस रायपुर ला सकेगी।
नकली होलोग्राम मामले में अनवर और अरुणपति उत्तरप्रदेश में न्यायिक रिमांड पर है। इस केस में यूपी एसटीएफ तीन लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है। होलोग्राम बनाने वाले कंपनी के मालिक विधु गुप्ता समेत दो और आरोपियों की इसी केस में तलाश चल रही है। नकली होलोग्राम केस पुराने कानून के तहत दर्ज किया गया था, इसलिए 90 दिन में यूपी पुलिस इस केस में चालान पेश कर देगी। इसमें ज्यादा समय नहीं बचा है। इस बीच, ईडी ने छत्तीसगढ़ में पिछले एक माह में दर्जनभर लोगों से पूछताछ की है, जिसमें आबकारी अफसर भी हैं। ईडी इन्हीं से मिली जानकारियों की पुष्टि के लिए अनवर और अरुणपति को रायपुर लाना चाहती है। सोमवार से इस की प्रक्रिया शुरू की गई थी और ईडी की ओर से दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लाकर पूछताछ करने के लिए कोर्ट आवेदन लगाया था। कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बाद ईडी ने इसे यूपी भिजवाया है। लेकिन बताते हैं कि एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम यह हुआ है कि अनवर और अरुणपति की ओर से इस वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका पेश कर दी गई है। वकीलों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया होगा, क्योंकि दोनों अभी रायपुर नहीं आना चाहते। इसके लिए कई तरह के कानूनी तर्क दिए जा रहे हैं, लेकिन अब हालात ये हैं कि हाईकोर्ट से आदेश नहीं होने तक दोनों को रायपुर नहीं लाया जा सकता। फिर भी, यूपी पुलिस अगर आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर देगी, तब उन्हें वापस रायपुर जेल लाना संभव होगा, क्योंकि यहां ईडी ओर ईओडब्लू, दोनों एजेंसियों में ही आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इसमें एक-डेढ़ माह लग सकते हैं, ऐसा कानून के जानकारों का कहना है।