रायपुर में नशे के सौदागरों को 20-20 साल की सजा… जनवरी से अब तक 123 केस में आरोपियों को लंबी कैद… इन्वेस्टिगेशन में फैक्ट जुटाना बेहद अहम- एसएसपी लाल उमेद

शराब के अलावा सूखे नशे के मामले में छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाइयां चल रही हैं, लेकिन रायपुर पुलिस ने केवल कार्रवाई ही नहीं, बल्कि आरोपियों को सजा दिलवाने के मामले में बड़ा स्टैंडर्ड सेट कर दिया है। पिछले साल यानी 2024 में रायपुर में अलग-अलग जगह नारकोटिक्स के 55 मामलों में गिरफ्तार आरोपियों को अलग-अलग अदालतों ने सजा सुनाई थी। इस साल यह आंकड़ा ढाई गुना बढ़ गया है। रायपुर की अदालतों में इस साल जनवरी से अब तक नारकोटिक्स के 123 मामलों में आरोपियों को सजा सुनाई गई है, वह भी लंबी-लंबी। ड्रग्स स्मगलिंग के ज्यादातर आरोपियों को अदालत ने 5 से 20 साल तक की कड़ी कैद की सजा दी है। इस साल छह अलग-अलग केसेज में आरोपियों को अदालतों ने 20-20 साल की सजा दी है। रायपुर एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह का कहना है कि नारकोटिक्स के केसेज में सिर्फ कार्रवाई नहीं, बल्कि तगड़ी इन्वेस्टिगेशन और सबूतों के आधार पर चार्जशीट पेश की गई हैं। अपराधियों को सजा दिलवाने में ऐसी इन्वेस्टिगेशन की भूमिका अहम है।
विधि विशेषज्ञों के मुताबिक नारकोटिक्स के केसेज में 20 साल की कड़ी कैद की सजा काफी रेयर है। रायपुर में सक्षम अदालतों ने तीन अलग-अलग मामलों में 29 अप्रैल, 6 मई और 8 मई को ड्रग तस्करी के आरोपियों को 20-20 साल की कड़ी कैद और दो-दो लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। इसी तरह, 22 और 26 जुलाई को भी दो अलग-अलग मामलों में नारकोटिक्स के आरोपियों को अदालतों ने 20-20 साल की सजा दी है। ड्रग्स तस्करी के मामले में रायपुर की अदालतों ने कई आरोपियों को 15-15 साल की सजा और डेढ़-डेढ़ लाख रुपए तक जुर्माना किया है। यह आंकड़े इसलिए अहम है, क्योंकि नारकोटिक्स के मामले में अब रायपुर में बड़ी सजाएं हो रही हैं। पुलिस अफसरों का मानना है कि युवाओं को सूखे नशे की गिरफ्त में बर्बाद करनेवालों को बड़े पैमाने पर इस तरह की सजाएं दिलवाई जा सकेंगी, तभी तस्करों पर काबू पाया जा सकता है।