तारीख पे तारीख… देने वाले अफसरों पर सीएम साय की टेढ़ी नज़र… नाराज़गी जताकर कहा- पेशी में बार-बार मत बुलाओ और फील्ड पर नज़र आओ

सरगुजा संभाग के जिलों की समीक्षा करते हुए सीएम साय ने आम लोगों और किसानों को छोटे छोटे मामले में बार बार पेशी में बुलाने और तारीख बढ़ाने की प्रशासनिक अमले की प्रवृत्ति पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। गुरुवार को सुशासन तिहार के अंतर्गत अम्बिकापुर में सरगुजा, बलरामपुर-रामानुजगंज और जशपुर जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों से कहा कि वे जनता के सेवक हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि समस्याओं का तरीके से समाधान सुनिश्चित करें। नियमित रूप से फील्ड का दौरा करें, जनता के सुख-दुख में शामिल हों और शिकायतों के निपटारे में पेशियों की अनावश्यक तारीखें देना बंद करें। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं को बेहतर तरीके से अमलीजामा पहनाने वाले जिलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
समीक्षा बैठक में चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन और सीएम के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह भी उपस्थित थे। सीएम साय ने अधिकारियों से टीम भावना से कार्य करते हुए 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार के पहले चरण में प्रदेशभर से लगभग 40 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनका समाधान दूसरे चरण में किया गया। अब तीसरे चरण में वे स्वयं जिलों का दौरा कर आम जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं। उन्होंने अफसरों से कहा कि राजस्व से संबंधित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही अवैध रेत खनन के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए।
सीएम साय ने कहा कि पीने के पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि कहीं पेयजल संकट की स्थिति बनती है, तो इसका तत्काल समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि तालाबों को सूखने से बचाने और ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्रोतों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि बारिश शुरू होने से पहले किसानों को खाद-बीज की कमी न हो, इसके लिए विशेष निगरानी रखी जाए। सीएम ने अफसरों से कहा कि वनाधिकार पट्टों की समीक्षा राजस्व, आदिवासी विकास और वन विभाग संयुक्त रूप से करें और केवल पात्र हितग्राहियों को ही पट्टा प्रदान किया जाए। समीक्षा बैठक में मंत्री राम विचार नेताम, ओ.पी. चौधरी और लक्ष्मी रजवाड़े भी उपस्थित थीं।