आज की खबर

सीएम साय का जशपुर में प्रयोग… बिजली सखी बनाया 21 महिलाओं को… एक मीटर रीडिंग पर इन्हें मिलेंगे 12 रुपए

महिलाओं-युवतियों को रोजगार से जोड़ने के लिए जशपुर में साय सरकार ने एक और नवाचार किया है। जिले की 21 महिलाओं-युवतियों को बिजली सखी बनाकर बिजली महकमे से जोड़ा गया है। इनका काम केवल बिजली मीटर की रीडिंग करना होगा और एक मीटर रीड करने के एवज में इन्हें 12 रुपए दिए जाएंगे। इस तरह, अगर एक युवती दिनभर में 50 मीटर रीड करती है, तो उसे 600 रुपए मिल जाएंगे। इसका पूरा सिस्टम  बनवाया गया है। सीएम विष्णुदेव साय ने मंगलवार को 21 महिला-युवतियों को मीटर रीडिंग किट प्रदान कर दिए हैं। जशपुर में ही 300 महिलाओं-युवतियों को बिजली सखी  बनाना का टारगेट है। वहां योजना सफल रही तो इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जा सकता है।

दिखने में यह नवाचार छोटा है, लेकिन इसके बड़े इंपैक्ट हो सकते हैं। यह प्रयोग पूरे जशपुर जिले में नहीं बल्कि अभी केवल बगीचा ब्लाक में शुरू किया गया है, जो सीएम साय का गृहक्षेत्र है। सीएम साय और उनकी पत्नी कौशल्या साय ने महिलाओं-युवतियों को अपने कैंप कार्यालय में बिजली किट प्रदान किए हैं। इस नवाचार के दो कारण भी हैं। पहला, बिजली महकमे के पास पर्याप्त संख्या में मीटर रीडिंग के लिए लोग नहीं हैं। इस वजह से अक्सर एक-दो महीने का एवरेज बिल दिया जाता है। एवरेज बिल कई बार ज्यादा होता है, जिससे लोग इरिटेट होते हैं। कई बार कम रहा, तो अगली बार बैलेंस जुड़कर बिल में आता है, जिससे मिडिल क्लास पर बिजली गिरती है। इसलिए मीटर रीडिंग का अमला बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। दूसरा, सीएम साय और उनकी पत्नी जशपुर में महिला स्वसहायता समूहों को छोटे-छोटे रोजगार देने के कई प्रयोग कर रहे हैं। बिजली सखी बनाने का उद्देश्य भी यही है कि बिजली विभाग को रीडिंग के लिए हेल्पिंग हैंड मिलें और महिलाओं की आय का इंतजाम हो जाए। इन्हीं दो बातों को जोड़कर बिजली सखी का कांसेप्ट लाया गया। अभी यह पायलट प्रोजेक्ट ही है, लेकिन नतीजे देखकर इसे व्यापक रूप दिया जा सकता है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button