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भूपेश बघेल को सीडी केस से बरी करने के ख़िलाफ़ सीबीआई कोर्ट पहुँची… रिवीजन केस फाइल, सुनवाई जल्द शुरू होगी

छत्तीसगढ़ में 2017 में चर्चा में आए सेक्स सीडी केस में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ख़िलाफ़ केस हटाने के अदालत के आदेश को सीबीआई ने चुनौती दी है। रायपुर में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सेक्स सीडी मामले से भूपेश के ख़िलाफ़ केस इस आधार पर ख़त्म करने के आदेश दिए थे कि उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने का कोई आधार नहीं बनता। वकीलों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सीबीआई ने इस मामले में बुधवार को लोवर कोर्ट में रिवीजन फाइल किया, जिसे सेशंस में ट्रांसफर कर दिया गया है। रिवीजन पर सुनवाई की तारीख जल्द ही मिल जाएगी।

बता दें कि बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड की सात साल बाद सुनवाई शुरू करने वाली सीबीआई की विशेष अदालत ने पिछले मंगलवार छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल को साफ़ बरी कर दिया था। अदालत ने इस मामले में सीबीआई और बचाव पक्ष की जिरह सुनने के बाद कहा था कि भूपेश बघेल के ख़िलाफ़ सेक्स सीडी मामले में मुक़दमा चलाने का कोई आधार ही नहीं है। अदालत ने भूपेश बघेल के ख़िलाफ़ दर्ज केस को ही ख़ारिज कर दिया था। इसी फ़ैसले के ख़िलाफ़ सीबीआई फिर अदालत पहुँची है।

सेक्स सीडी मामला अक्टूबर में 2017 को तब सामने आया था, जब पुलिस ने भूपेश के करीबी सहयोगी विनोद वर्मा को दिल्ली से अरेस्ट किया था और कुछ सीडी बरामद की थीं। रायपुर में उसी दिन सीडी वायरल हो गई थी। उस समय छत्तीसगढ़ में डॉ रमन सिंह की सरकार थी। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को तब इस केस में आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि तब भूपेश ने कथित तौर पर कहा था कि सीडी तब के मंत्री राजेश मूणत की है। हालांकि जिस दिन सीडी वायरल हुई, उसी शाम यह स्पष्ट हो गया था कि सीडी मर्फ़ करके बनाई गई है। गूगल से पोर्न क्लिक निकालकर उसने मंत्री का चेहरा फिट कर दिया गया था। जांच में यह खुलासा भी हुआ था कि यह फर्जी सीडी मुंबई में 2017 के शुरू में बनाई गई थी और बनाने वाले युवक से सीडी छत्तीसगढ़ के ही कुछ लोगों ने 90 हज़ार रुपए में खरीदी थी। तब पुलिस ने इसी मामले में भूपेश और विनोद को अरेस्ट कर लिया था। बाद में दोनों जमानत पर रिहा भी हो गए थे। उसके बाद चुनाव हुए और भाजपा को हराकर कांग्रेस ने सरकार बनाई। भूपेश बघेल सीएम बने और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 2024 में फिर भाजपा की सरकार बनी, तो यह मामला भी उछला। साय सरकार ने केस सीबीआई को सौप दिया। ट्रायल इसी महीने शुरू हुआ और मंगलवार को दूसरी पेशी में ही अदालत ने भूपेश बघेल के ख़िलाफ़ चल रहे मुकदमे को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि उनके ख़िलाफ़ कोई आधार ही नहीं है।

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