आज की खबर

The Stambh Analysis : सौम्या चौरसिया, आरती वासनिक, तीर्थराज अग्रवाल दो साल से IAS प्रमोशन की लिस्ट में… पर केवल तीर्थराज ही बन पाएंगे, दोनों महिलाओं के लिए अंतहीन इंतजार

छत्तीसगढ़ पीएससी में सलेक्ट होने के बाद और लगातार नौकरी करते हुए राज्य सेवा अफसर सौम्या चौरसिया, आरती वासनिक और तीर्थराज अपर कलेक्टर तो समय पर बने, लेकिन तीनों के खिलाफ दर्ज हुए मामलों ने करियर को बड़ी चोट पहुंचा दी है। तीनों ही अफसरों को प्रमोशन कमेटी ने 2023 और अब 2024 में आईएएस प्रमोशन के लिए सलेक्ट किया था और सूची में टाप पर नाम हैं। सौम्या चौरसिया के खिलाफ छत्तीसगढ़ के दो चर्चित घोटालों में एफआईआर हुई और वह हाल में जमानत पर छूटीं हैं। आरती वासनिक के खिलाफ पीएससी स्कैम में एफआईआर हुई और फिलहाल सीबीआई की गिरफ्त में हैं। इस वजह से दोनों महिला अफसरों को आईएएस बनने के लिए केस खत्म होने तक का इंतजार करना पड़ सकता है। प्रमोशन भी तभी होगा, जब सजा न हो। अब राज्य प्रशासनिक सेवा के तीर्थराज अग्रवाल के ही आईएएस प्रमोशन की संभावना बन गई है, क्योंकि उनकी डिपार्टमेंट इंक्वायरी खत्म हो चुकी है और केस से भी बरी हो गए हैं।

प्रशासनिक ही नहीं, बल्कि राज्य सेवा के पुलिस अफसरों का कामकाज किस तरह का होना चाहिए और नौकरी में कितनी लिबर्टी ली जा सकती है, उन सभी के लिए छत्तीसगढ़ में बड़ा उदाहरण भी सेट हुआ है। सीनियोरिटी के हिसाब से सौम्या और आरती, दोनों ही छत्तीसगढ़ पीएससी से एक ही कैडर की डिप्टी कलेक्टर बनी थीं। सौम्या संयुक्त कलेक्टर होने के बाद पिछली सरकार में सीएम हाउस में डिप्टी सेक्रेटरी बनीं और इस वजह से पूरे राज्य में उनकी एकतरफा चली। अपर कलेक्टर भी बन गईं, लेकिन 2022 में आयकर छापों के बाद से ही करियर पर ऐसा धब्बा लगा कि एक-एक कर केस बनते चले गए और जेल तक पहुंच गईं। सौम्या अभी सस्पेंड हैं, लेकिन सीनियोरिटी के हिसाब से आईएएस के 2023 कैडर प्रमोशन के लिए हुई डीपीसी में सौम्या चौरसिया का नाम सूची में आ गया। सौम्या के साथ आरती वासनिक और तीर्थराज अग्रवाल का नाम भी आया। आरती पर सीबीआई ने पीएससी स्कैम में छापे मारे। एफआईआर में नाम नहीं था, पर सरकार ने इंक्वायरी लांच कर दी। इसी तरह, एक स्कैम में तीर्थराज अग्रवाल के खिलाफ भी एफआईआर हुई और निलंबन के बाद विभागीय जांच शुरू कर दी गई। इस वजह से 2023 के प्रमोशन में तीनों के लिफाफे बंद करने पड़े। कुछ अरसा पहले 2024 के लिए डीपीसी हुई। इसमें भी सीनियोरिटी के कारण सौम्या, आरती और तीर्थराज का नाम लिस्ट में आ गया। सौम्या के बाद अब आरती के लिए भी आईएएस बनना कठिन हो गया है, क्योंकि दोनों के केस में फैसला कब आएगा यह अभी समय के गर्भ में है। केस की झंझट से केवल तीर्थराज अग्रवाल ही बचे हैं। उनके केस और जांच दोनों ही खत्म हो गईं, इसलिए उन्हें आईएएस मिलने की संभावना है, शेष दोनों महिलाओं के प्रमोशन के लिफाफे इस साल भी बंद ही रहेंगे।

राज्य से जारी नहीं होगा निष्ठा प्रमाणपत्र

सीनियोरिटी के हिसाब से राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस प्रमोशन और राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस प्रमोशन के लिए अफसरों का नाम लिस्ट में आ सकता है। लेकिन उन्हें प्रमोशन मिलना तभी संभव है, जब राज्य की ओर से कोई इंक्वायरी लांच नहीं हुई हो, किसी केस में चार्जशीटेड न हों और किसी केस में सजा न हुई हो। इन सभी पर गंभीर विचार विमर्श के बाद राज्य सरकार की ओर से निष्ठा प्रमाणपत्र जारी होता है। इस हिसाब से दिल्ली से आईएएस या आईपीएस अवार्ड होता है। 2023 की लिस्ट में शामिल सौम्या, आरती और तीर्थराज के लिए निष्ठा प्रमाणपत्र जारी नहीं हुआ, इसलिए लिफाफे बंद हो गए। 2024 के लिए भी सौम्या और आरती का निष्ठा प्रमाणपत्र किसी भी परिस्थिति में जारी नहीं हो सकता, केवल तीर्थराज अग्रवाल के केस में ही यह संभव है। इसलिए आईएएस प्रमोशन के दो पदों के लिफाफे इस साल भी बंद रहेंगे और तीर्थराज समेत बाकी लोगों का प्रमोशन एक-दो माह में होने की संभावना है।

2023 की लिस्ट, जिसमें बाकी आईएएस बन गए

Screenshot

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button