चुनाव प्रचार में भौंरा, बाटी का काम नहीं… भूपेश बुलेट लेकर जनसंपर्क में निकले
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में ताकत झोंक दी है। मतदान में अब सिर्फ चार दिन बचे हैं और प्रचार में दो दिन। 24 अप्रैल को शाम 5 बजे राजनांदगांव, कांकेर और महासमुंद में चुनाव प्रचार थम जाएगा और डोर टू डोर शुरू होगा। जाहिर है, उससे पहले अपने क्षेत्र में जो कोशिश हो सकती है, भूपेश कर रहे हैं। रविवार की रात वे खैरागढ़ में मोटरसाइकिल से निकल गए और काफी देर तक बाइक राइडिंग करते हुए जनसंपर्क किया। छत्तीसगढ़ में संभवतः वे पहले पूर्व सीएम हैं, जो अब तक बिंदास बाइक चला रहे हैं। कुछ साल पहले डा. रमन भी रायपुर की सड़कों पर टूव्हीलर से निकले थे, लेकिन वह एक्टिवा थी।
भूपेश मध्यप्रदेश में मंत्री थे, फिर छत्तीसगढ़ में मंत्री रहे। इसके बाद कांग्रेस 15 साल सत्ता से बाहर रही। सत्ता मि-खोली तो सीधे सीएम बने। भूपेश किसी भी पद पर रहे हैं, कुछ काम ऐसे थे जो उन्होंने लगातार किए। जैसे, सीएम बनने के बाद भी उन्होंने पुन्नी या अन्य मेलों में डुबकी लगाना नहीं छोड़ा। ठेठ छत्तीसगढ़िया गांव-शहर का हर बच्चा जिन खेलों में माहिर रहता है, जैसे भौंरा, गेड़ी या पिट्टुल, भूपेश ने सीएम रहते हुए सभी में महारत दिखाई। वे तैराकी अच्छी करते हैं, दो सौ मीटर का तालाब तो आसानी से क्रास कर लेते हैं। हालांकि ऐसा तभी करते हैं, जब परंपरा के अनुरूप कोई त्योहार हो। अभी चुनावी त्योहार हैं, जिनमें इन सब हुनर का कोई काम नहीं है। इसलिए उन्होंने नया माध्यम चुनाव, जो उनका पुराना शौक भी है, यानी बुलेट लेकर खुद ही प्रचार पर निकल गए। लोगों का कहना है कि जब भूपेश खैरागढ़ में बुलेट चला रहे थे, हर देखने वाला युवकत यही कह रहा था कि परफेक्ट चला रहे हैं। न गेयर फंस रहा है, और न ही एक्सीलेटर रेस हो रहा है। कुछ ने यह भी कहा कि कांग्रेस में विकास उपाध्याय और देवेंद्र यादव ही अकेले नहीं है, जो बुलेट चलाते हैं।
भूपेश के प्रचार में ऐसी ही कुछ बातें अलग हैं, जिन्हें हमने बताया। बाकी तो सब परंपरागत चल रहा है। भाजपा प्रत्याशी तथा राजनांदगांव से ही पिछला चुनाव बेहद प्रभावशाली लीड से जीतने वाले संतोष पांडे समेत भाजपा नेता उनपर घोटालों के आरोपों की बौछार किए हुए है। एक विंग ने राजनांदगांव को जिहादगांव बताते हुए मुहिम छेड़ रखी है। तो भूपेश ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी को निशाने पर ले रखा है। भाजपा उनकी सरकार के ढेरों नुख्स निकालकर जनता के सामने रख रही है, तो भूपेश अपनी सरकार की अच्छाइयां गिना रहे हैं और लोगों को आगाह कर रहे हैं कि अगर संविधान को बचाना है तो कांग्रेस पर मुहर लगानी होगी।