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नक्सलियों का खात्मा, विकास के पुल : झीरम से बीजापुर तक नदी-नालों पर दर्जनभर से ज्यादा पुल… पीडब्लूडी से सौ करोड़ रुपए से ऊपर के टेंडर

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार एक तरफ मार्च-2026 तक बस्तर से नक्सलवादियों के खात्मे के टारगेट की तरफ बढ़ रही है, तो दूसरी ओर पूरे बस्तर संभाग की कनेक्टिविटी के लिए दर्जनों पुलों-सड़कों के निर्माण के लिए करोड़ों रुपए धड़ाधड़ मंजूर किए जा रहे हैं। पिछले 15 दिन में बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के साथ-साथ झीरम जैसी घाटी में भी छत्तीसगढ़ के लोग निर्माण विभाग ने बड़े-छोटे पुलों के साथ-साथ सड़कों के लिए न सिर्फ फंड मंजूर करवा लिया, बल्कि टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। बस्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की यह रफ्तार पहली बार देखने आई है। इस बारे में सीएम साय और डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कि सरकार बस्तर में इन सड़कों के जरिए दूरस्थ वन क्षेत्रों को भी पहुंच में लाएगी, ताकि वहां रहनेवालों के लिए विकास की रोशनी पहुंचाई जा सके। पीडब्लूडी सेक्रेटरी डा. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि इन पुलों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और निर्माण बारिश थमने के तुरंत बाद यानी अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि भारी बारिश के कारण पिछले महीने झीरम नाले में कार बहने से पति-पत्नी और दो बच्चों वाले पूरे परिवार की मृत्यु हो गई थी।

द स्तम्भ के पास बस्तर में दर्जनभर से ज्यादा बड़े-छोटे पुलों के लिए करोड़ों रुपए मंजूर करने का ब्योरा है। जैसे, जगदलपुर से सुकमा होकर कोंटा जाने वाले नेशनल हाईवे पर झीरम नाला (घाटी), केरलापाल नाला, बोदागुडा नाला और डब्बाटोटा नाले के ऊपर चार पुल बनाए जाएंगे, जिसके लिए करीब 22 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए गए हैं। इसी सड़क पर छिंदगढ़ नदी, मालगेर नदी, पेंटा नाला, एर्राबोर नदी और कोंटा के करीब इंजरम नाले पर अलग-अलग बड़े छोटे पुलों के निर्माण के लिए 34.54 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, इसी नेशनल हाईवे पर इन पुलों के साथ-साथ 31वें किमी, 42वें किमी, 44वें किमी, 51वें किमी, 122वें किमी, 124वें किमी, 135वें किमी और 153वें किमी पर बाक्स का निर्माण और मरम्मत के लिए करीब 10 करोड़ रुपए को मंजूरी दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से कई टेंडर तक मंजूर किए जा चुके हैं। सीएम और डिप्टी सीएम ने पीडब्लूडी के अफसरों को आगाह किया है कि बस्तर में बनाए जाने वाले इन पुलों और बाक्स के निर्माण की क्वालिटी पर पूरी तरह निगरानी रखी जाए, क्योंकि ये सभी बड़े-छोटे पुल सैकड़ों गांवों के लिए कनेक्टिविटी का बड़ा माध्यम बनने वाले हैं।

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