सुशासन तिहार में ब्रेकिंग न्यूज… आधी सदी पुराना स्टेट हाईवे अब होगा नेशनल हाईवे 130-डी… कोंडागांव-नारायणपुर से गढ़चिरौली तक हजार करोड़ की सड़क… साय सरकार का पहला 112.5 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग

एडिटर्स ब्रेकिंग : नवाब फाजिल
सुशासन तिहार के तीसरे चरण में सीएम विष्णुदेव साय की सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ में कोंडागांव से नारायणपुर होकर महाराष्ट्र में गढ़चिरौली तक जिस स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण की कोशिश 2014 से चल रही थी, सीएम उसे नेशनल हाईवे में कन्वर्ट करने में कामयाब रहे हैं। अबूझमाड़ से गुजरनेवाला यह नेशनल हाईवे बस्तर के विकास के लिए बड़ी लाइफलाइन माना जा रहा है। इस सड़क के लिए नोटिफिकेशन पीएम मोदी सरकार के कार्यकाल हुआ था और अब केंद्र सरकार ने नेशनल हाईवे बनाने के लिए फाइनल फारेस्ट क्लीयरेंस दे दिया है। 1984 के इस स्टेट हाईवे में सड़क नाममात्र की ही बची है। नेशनल हाईवे नंबर 130-डी के नाम से यह सड़क अबूझमाड़ से होकर गुजरेगी। छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलमुक्त बस्तर की कोशिशों में इस नेशनल हाईवे को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह सड़क भले ही नेशनल हाईवे में कन्वर्ट हो गई, लेकिन छत्तीसगढ़ के लिए हर नजरिए से महत्वपूर्ण होने के कारण सीएम साय ने पीडब्लूडी मंत्री तथा डिप्टी सीएम अरुण साव को निर्माण की लगातार समीक्षा के निर्देश दिए हैं।
पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि विगत एक दशक में सड़क निर्माण का यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसे मंजूर करवाने में साय सरकार कामयाब हुई है। स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे में तब्दील करने के लिए पीडब्लूडी तथा प्रदेश के संबंधित विभागों से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। कोंडागांव, नारायणपुर और आकाबेड़ा पैच में अलग-अलग चरणों में पुलिया वगैरह बनाने जैसे जरूरी काम भी शुरू हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के पार्ट में सड़क की चौड़ाई के लिए भूअर्जन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसके लिए तकरीबन 190 लोगों से जमीन अधिगृहीत की गई है। पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत ने बताया कि मोदी सरकार का कार्यकाल शुरू होते ही इस सड़क के लिए नोटिफिकेशन हुआ था। सीएम साय की लगातार कोशिशों की वजह से दिसंबर 2024 में फारेस्ट क्लीयरेंस हुआ था और अब फारेस्ट के लिए वर्किंग परमिशन भी आ गई है। पूरी सड़क कोंडागांव से गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) तक धुर नक्सल प्रभावित इलाके के बीच बनेगी, इसलिए इसका काम 9 चरणों में किया जाएगा। पहला चरण कोंडागांव से नारायणपुर (48.6 किमी), दूसरा चरण नारायणपुर से गोटजमरी (करीब 10 किमी), तीसरा चरण गोटजमरी से अकाबेड़ा (करीब 7 किमी), चौथा चरण अकाबेड़ा से कस्तूरमेटा (करीब 5 किमी), पांचवां चरण कस्तूरमेटा से कुतुल (करीब 20 किमी) और छठवां चरण कुतुल से नीलांगुर महाराष्ट्र सीमा (करीब 22 किमी) होगा। इनमें से ज्यादातर चरणों का टेंडर करके वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। कुछ छोटे पैचेस की टेंडर प्रक्रिया अंतिम दौर में है। इस तरह, 112.5 किमी की इस सड़क के निर्माण की कुल लागत 973 करोड़ रुपए आंकी गई है। पीडब्लूडी सचिव ने बताया कि छत्तीसगढ़ सीमा से महाराष्ट्र में गढ़चिरौली को कनेक्ट करने वाली इस सड़क के पार्ट की प्रक्रिया महाराष्ट्र सरकार ने भी पूरी कर ली है। सड़क 10 मीटर या कई जगह उससे चौड़ी भी बनेगी नेशनल हाईवे 130-डी की चौड़ाई घने जंगल-पहाड़ों से गुजरते हुए भी 10 मीटर या उससे अधिक होगी। सड़क लगभग उसी तरह बनाई जा रही है, जैसी कटघोरा से अंबिकापुर के बीच की सड़क बनी हुई है।

कोंडागांव और नारायणपुर में कुछ जगह काम शुरू हुआ है, बाकी पैचेस में भी जल्दी ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसे तकरीबन दो साल में पूरा करना है। बस्तर को गढ़चिरौली से जोड़ने की वजह से इस सड़क को नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की बड़ी लाइफलाइन के रूप में लिया जा रहा है। यह सड़क पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ औद्योगिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी, ऐसा सूत्रों का कहना है।