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बड़ा एक्शनः वन विभाग ने पौधे लगवाए जो 3 साल में मर गए…राजनांदगांव-कोरबा में 3 अफसरों से विभाग ने 10 लाख रुपए वसूले

हर जिले में पुराने पौधरोपण की जांच, जहां सफाया हुआ वहां ऐसी ही कार्रवाई

अक्सर शिकायतें मिलती रही हैं कि जिन स्थानों पर वन विभाग ने बड़ा पौधरोपण किया था, वहां अब सिर्फ ठूंठ बचे हैं या वह भी खत्म हो गए और पूरी जगह मैदान बन गई। सीएम विष्णुदेव साय और वनमंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर तीन-चार साल पहले के सभी पौधरोपण की फिजिकल जांच शुरू करवाई गई है। जिन स्थानों पर पौधे मर गए हैं, इसके लिए तत्कालीन वन अफसरों को जिम्मेदार माना गया है। रिपोर्ट के आधार पर अभी राजनांदगांव और कोरबा के तीन रेंजरों के वेतन से तकरीबन 10 लाख रुपए की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं। पौधरोपण को सुरक्षित रखने और वन अफसरों की जिम्मेदारी तय करने के लिहाज से इसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। पता चला है कि ऐसी कार्रवाई कई और जिलों में जल्दी ही की जाने वाली है। वन मंत्री कश्यप ने कहा है कि पौधरोपण जैसे कार्य में पारदर्शिता और उच्च गुणवत्ता में सरकार किसी तरह का समझौता नहीं करेगी और भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर की काम किया जाएगा।

फिलहाल तीन रेंज अफसरों से की गई वसूली

जिन अफसरों पर वसूली की कार्रवाई की गई है, विभाग ने माना है कि उन्होंने पौधरोपण में मापदंडों का पालन नहीं किया और बाद में इसे सुरक्षित रखने में भी लापरवा्ही बरती। इसीलिए वृक्षारोपण असफल हो गया। वन विभाग ने इस असफल पौधरोपण पर हुए खर्च को शासन के पैसों की बर्बादी माना है और इसी आधार पर संबंधित वन अफसरों से वसूली शुरू की गई है। शासन के निर्देश पर जांच और कार्रवाई वन बल प्रमुख श्रीनिवास राव के नेतृत्व में की जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक कोरबा वनमंडल और राजनांदगांव वनमंडल में संबंधित अधिकारियों से 9 लाख 90 हजार 357 रुपये की वसूली की गई है। यह राशि उन अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से वसूली गई है, जो जांच रिपोर्ट में पौधों के मरने तथा पौधरोपण के नाकाम होने के जिम्मेदार बताए गए हैं। इनमें कोरबा वनमंडल के तत्कालीन रेंजर योमनलाल ध्रुव से 2 लाख 41 हजार रुपए, राजनांदगांव वनमंडल के तत्कालीन रेंजर बलदाऊ प्रसाद चौबे से 5 लाख 19 हजार रुपए तता कोरबा वनमंडल में तत्कालीन परिक्षेत्र सहायक शमसुद्दीन फारूकी से 1 लाख 41 हजार रुपए वसूले गए हैं।

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