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बिटिया को सलाम : ब्लड कैंसर के कारण पिछले साल परीक्षा नहीं दी… बहादुर इशिका ने बीमारी से जंग में भी पढ़ाई का हौसला नहीं छोड़ा… इस साल सीजी दसवीं की मेरिट में पूरे छत्तीसगढ़ में फर्स्ट

परलकोट की बहादुर बेटी इशिका बाला ने जिस हौसले का परिचय दिया, वह हैरतअंगेज है। ब्लड कैंसर की पेशेंट इशिका… पिछले साल तबियत इतनी खराब थी कि छत्तीसगढ़ बोर्ड से दसवीं का पेपर नहीं दे सकी। लेकिन सलाम है इस बच्ची को, जिसने साहस नहीं खोया। ब्लड कैंसर से लड़ती रही और पढ़ाई भी करती रही। आखिरकार उसका जज्बा न सिर्फ जीता, बल्कि इस मेहनत ने उसे कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचा दिया। इशिका ने सीजी दसवीं में इस साल 99.16 परसेंट नंबर हासिल किए और वह मेरिट में पूरे छत्तीसगढ़ में टाप पर है।

कोयलीबेड़ा के गोंडाहुर गांव में सरकारी स्कूल की छात्रा इशिका बाला पीवी नंबर 51 के किसान शंकर बाला तथा इति बाला की बेटी है। दो साल पहले परिवार को पता चला था कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित है। इलाज शुरू हुआ, लेकिन उसने पढ़ाई जारी रखी। पर ब्लड कैंसर से जंग आसान भी नहीं है। बीमारी पिछले साल हावी रही, इशिका ने पढ़ाई की लेकिन परीक्षा नहीं दिला पाई। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। इस साल उसने ठान लिया कि बीमारी और कामयाबी, दोनों जंग साथ लड़नी है। बहादुर इशिका ने ऐसी तैयारी की कि पूरे प्रदेश में दसवीं में फर्स्ट आ गई। छत्तीसगढ़ के इतिहास में संभवतः यह पहला मामला है, जब ब्लड कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित बच्ची ने प्रदेश में पहला रैंक हासिल किया है। इशिका की इस कामयाबी से उसका परिवार ही नहीं बल्कि उसके प्रिंसिपल अरुण कुमार कीर्तनीय, पूरे टीचर, स्कूल के सैकड़ों बच्चे और आसपास के दसों गांव के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। सब उसे बधाई दे रहे हैं, साथ ही यह प्रार्थना भी कर रहे हैं कि इशिका ब्लड कैंसर से भी जीत जाए। इस खबर को पूरी पढ़ने वालों को भी यह प्रार्थना जरूर करनी चाहिए कि इशिका तथा बड़ी बीमारियों से लड़ रहे हजारों बच्चे-बच्चियां जिंदगी की जंग भी जीतें और करियर में भी ऊंचे मकान तक पहुंचें।

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