कभी नक्सलियों की स्वयंभू राजधानी रहे जगरगुंडा में खुला बैंक… सीएम साय की कोशिश से 12 गांवों के लोगों को 24 साल बाद बैंक के दर्शन

लगभग तीन दशक तक नक्सलियों के अभेद्य गढ़ और अघोषित राजधानी रहे जगरगुंडा में पहली बार कोई राष्ट्रीयकृत बैंक खुला है। आसपास के 12 गावों की बड़ी आबादी पहली बार डायरेक्ट बैंक ट्रांजेक्शन करेगी। इससे पहले यहाँ 2001 तक ग्रामीण बैंक की ब्रांच थी।सीएम विष्णुदेव साय की कोशिश के बाद इंडियन ओवरसीज बैंक ने जगरगुंडा में अपनी ब्रांच खोली है। सीएम ने ही मुख्यमंत्री निवास से सुकमा के जगरगुंडा में इस बैंक शाखा की वर्चुअल शुरुवात की। उन्होंने कहा कि इससे पूरे जगरगुंडा इलाके में विकाश का नया मार्ग खुलेगा। खास बात ये है कि वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने इस बैंक की ब्रांच में अपना खाता भी खुलवा लिया है।
सीएम साय ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन इस क्षेत्र के लोगों के लिए ऐतिहासिक है। लंबे समय से यह क्षेत्र नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। पिछले डेढ़ वर्षों में हमारी डबल इंजन की सरकार में हम बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापित करने में कामयाब हुए हैं। यही कारण है कि आज यहां बैंक की नई शाखा खुली है। लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचा रहा है। मंत्रीचौधरी ने कहा कि जब वे दंतेवाड़ा में कलेक्टर थे, तब यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित था। अंदरूनी इलाके में जाने के पहले सोचना पड़ता था। वर्ष 2001 में इस भवन में ग्रामीण बैंक की शाखा थी, जिसे नक्सलियों द्वारा लूटने का प्रयास किया गया था। आज इसी भवन में इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा खुल रही है।