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एसीबी के ताबड़तोड़ छापेः महासमुंद में डिप्टी रजिस्ट्रार और बोड़ला जनपद का अकाउटेंट रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

बोड़ला में एक लाख की रिश्वत के मामले में जनपद सीईओ भी लपेटे में

एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में तीन जगह रिश्वत की मांग करनेवाले अफसर-कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। महासमुंद में डिप्टी रजिस्ट्रार लिली पुष्पलता बेक और सहयोगी शत्रुघ्न तांडी को एसीबी की टीम ने 26 हजार रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। डिप्टी रजिस्ट्रार ने जमीन का स्वामित्व दस्तावेजों में चढाने ते लिए 35 हजार रुपए मांगे थे। एसीबी की एक और टीम ने कवर्धा की बोड़ला जनपद पंचायत में धावा बोला और अकाउंटेंट नरेंद्र राउतकर को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में जनपद के सीईओ मनीष भारती भी शक के दायरे में आ गए हैं और एसीबी की टीम उनके घर में पहुंची है।

डिप्टी रजिस्ट्रार बेक के खिलाफ सरायपाली के बड़े पंधी गांव में 5 एकड़ जमीन के दानपत्र के पंजीयन और दस्तावेजों में नाम चढ़ाने के एवज में 35 हजार रुपए मांगने की शिकायत एसीबी के रायपुर मुख्यालय में हुई थी। एसीबी अफसरों के कहने पर शिकायतकर्ता ने किसी तरह डिप्टी रजिस्ट्रार को 26 हजार रुपए देने के लिए मना लिया। जैसे ही उसने रिश्वत की रकम दी, एसीबी के अफसरों ने घेरकर डिप्टी रजिस्ट्रार और उसके सहयोगी को अरेस्ट कर लिया। कार्रवाई पूरी करने के बाद टीम डिप्टी रजिस्ट्रार के घर पहुंची, जहां आय के अनुरूप संपत्ति होने का आंकलन किया जा रहा है।

इसी तरह, जनपद बोड़ला में अकाउंटेंट राउतकर के खिलाफ कुकरापानी पंचायत में आंगनबाड़ी भवन के लिए सरपंच से एक लाख रुपए मांगने की शिकायत की गई थी। इस आंगनबाड़ी भवन के लिए 11.69 लाख रुपए मंजूर किए गए थे, जिसमें से 5.84 लाख का भुगतान पहले ही हो चुका था। दूसरी किश्त जारी करने से पहले रुपए मांगे गए तो सरपंच प्रतिनिधि ने इसकी शिकायत एसीबी से की। एसीबी टीम ने अकाउंटेंट को रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। अफसरों ने बताया कि रिश्वत में इनपुट मिलने के बाद जनपद सीईओ मनीष भारती से भी पूछताछ की गई है और अफसर उन्हें लेकर उनके सरकारी निवास पर भी गए हैं। इसके अलावा एसीबी ने गौरेला-पेंड्रा में भी छापा मारा है, जिसका ब्योरा अभी नहीं मिला है।

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