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छतीसगढ़ में अफसरों की “तारीख़ पे तारीख़” वाली वर्किंग स्टाइल से सीएम साय नाराज… शासन ने जिस काम का जितना समय तय किया, उसी में पूरा करने की हिदायत

छत्तीसगढ़ के कलेक्टरों और कमिश्नरों की ऑनलाइन मीटिंग में सीएम विष्णुदेव साय ने साफ़ तौर पर अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी कि ‘पेशी पर पेशी’ की कार्यशैली अब नहीं चलने दी जाएगी। रेवेन्यू यानी ज़मीन संबंधी मामलों में देरी की शिकायतों को लेकर सीएम ने सख़्त रवैया अपनाया और कहा कि ऐसे मामलों का टाइम लिमिट में निराकरण अनिवार्य है। अब ऐसी मामलों में शासन की सभी राजस्व अफसरों पर कड़ी नज़र रहेगी।

सीएम विष्णुदेव साय ने नया रायपुर स्थित महानदी भवन मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कलेक्टर्स की बैठक लेकर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने जिलों की समीक्षा करते हुए नामांतरण, अविवादित व विवादित बंटवारे, अभिलेख दुरूस्ती, त्रुटि सुधार, भू-अर्जन, सीमांकन, और डायवर्सन से संबंधित प्रकरणों की जानकारी ली। सीएम साय ने  कहा कि बार-बार पेशी पर बुलाने से जनता को न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि उनका समय और श्रम भी व्यर्थ जाता है। इससे सरकारी सिस्टम के प्रति लोगों का भरोसा भी कम होता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पेशियों में कमी लाएं और प्रकरणों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करें।

*ई-कोर्ट में दर्ज हों सभी मामले- सुबोध सिंह

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने निर्देश दिए कि सभी राजस्व प्रकरणों को ई-कोर्ट में दर्ज किया जाए, जिससे उनकी मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग आसान हो सके। साथ ही रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण और त्रुटि सुधार के मामलों पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया। तहसील स्तर पर पटवारियों के माध्यम से एक विशेष अभियान चलाकर रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और पी दयानंद, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव मुकेश बंसल, राजस्व सचिव  रीना बाबासाहेब कंगाले, अन्य विभागों के सचिव, आयुक्त एवं संचालक उपस्थित थे।

एनएच के भूअर्जन-मुआवजे पर कार्रवाई तेज हो

सीएम साय ने राष्ट्रीय राजमार्गों की परियोजनाओं पर खास जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों और भारतमाला परियोजना की तीव्र और निर्बाध गति के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया जरूरी है।उन्होंने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि भू-अर्जन और मुआवजा वितरण के लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा करें।

राज्योत्सव : रजत महोत्सव की जोरदार तैयारियां

छत्तीसगढ़ के निर्माण की 25वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए 15 अगस्त से रजत महोत्सव की शुरुआत हुई है, जो 25 सप्ताह तक चलेगा। सीएम साय ने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में आयोजन कर रजत महोत्सव को जनभागीदारी का उत्सव बनाएं। कार्यक्रमों का विवरण पोर्टल पर अपलोड किया जाए और प्रचार-प्रसार को गति दी जाए।

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