छत्तीसगढ़ से किसी को नहीं बनाया जाएगा उपराष्ट्रपति… बिहार, बंगाल व दक्षिणी राज्यों पर नजर, छत्तीसगढ़ अभी चर्चा में ही नहीं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार के गलियारों में नया उपराष्ट्रपति बनाने की चर्चाएं छिड़ गई हैं। कई नाम सामने आ रहे हैं, जो अमूमन सीनियर भाजपा नेताओं के हैं। माना जा रहा है कि जिन राज्यों में आने वाले एक-दो साल के भीतर चुनाव होने हैं उन्हें इस पद के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है, न कि उन राज्यों को जहां पिछले एक-दो साल में भाजपा की सरकारें बनी हुई हैं। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में एक कांग्रेस नेता के पत्र से हल्ला मचा और उपराष्ट्रपति पद के लिए रमेश बैस, डा. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल और रामविचार नेताम के नाम उभर गए। हालांकि दिल्ली के जानकारों से इन संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि जब पार्टी बिहार में चुनाव में जा रही है, पं. बंगाल तथा दक्षिण भारत फिलहाल फोकस एरिया हैं, तब छत्तीसगढ़ या एमपी से उपराष्ट्रपति पर विचार संभव नहीं लगता। दूसरा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु झारखंड से ताल्लुक रखती हैं, इसलिए बिहार के अलावा शेष सीमावर्ती राज्यों से किसी नेता को उपराष्ट्रपति बनाए जाने की संभावना नहीं के बराबर है।
छत्तीसगढ़ में गुरुवार की रात तक उपराष्ट्रपति की उम्मीदवारी को लेकर किसी तरह की राजनैतिक हलचल नहीं थी। भाजपा में भी इस तरह की कोई बातचीत नहीं थी। अचानक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने चिट्ठी लिखी कि छत्तीसगढ़ से रमेश बैस को उपराष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए, जो केंद्रीय मंत्री होने के साथ-साथ कई राज्यों में राज्यपाल भी रह चुके हैं। इस चिट्ठी से एक अलग ही मोर्चा खुल गया और उपराष्ट्रपति के लिए दोपहर तक डा. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल और रामविचार नेताम के भी नाम सामने आ गए। जैसा माहौल बना, उससे तो यही लग रहा है कि एक-दो दिन के भीतर छत्तीसगढ़ के इनमें से किसी नेता को केंद्र सरकार की ओर से उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाएगा। लेकिन देर रात नई दिल्ली के जानकार सूत्रों ने साफ किया कि अभी इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ का नाम ही नहीं आया है।