चालान पेश करने में लेटलतीफ़ी अब थानों के अफसरों पर भारी पड़ेगी… केस के अनुसार 60 और 90 दिन में ही पेश करना होगा चालान… आईजी अमरेश ने इसके लिए वार्न किया अफसरों को

किसी भी केस की इन्वेस्टीगेशन पूरी करने और चालान पेश करने में देरी को लेकर वकीलों में अक्सर पुलिस की कार्यप्रणाली की आलोचना सुनी जा सकती है। इस प्रवृत्ति पर रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी डॉ लाल उमेद सिंह ने सख्त रुख अपनाया है। रविवार को सुबह 11 बजे से कई घंटे चली मीटिंग में आईजी अमरेश ने साफ़ कर दिया कि जिन केस में चालान 60 दिन में पेश करना है, जिनमे 90 दिन में पेश करना है, अब उसमे एक दिन की भी वृद्धि हुई तो ज़िम्मेदार पुलिस अफ़सर पर कार्रवाई कर दी जाएगी। इसके लिए ज़रूरी होगा कि हर केस की इन्वेस्टीगेशन धाराओं के हिसाब से 60 या 90 दिन से पहले ही पूरी कर ली जाए। भारतीय न्याय संहिता में भी चालान निर्धारित अवधि में ही पेश करने पर फोकस है।
रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने सिविल लाईन स्थित सी-4 भवन के सभाकक्ष में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अफसरों से कहा कि एक वर्ष से अधिक समय से लंबित पुराने अपराधों को तुरंत सॉल्व करें। जल्द से जल्द इन प्रकरणों का चालान पेश कर दिया जाए। क्योंकि नए कानून में चालान को 60 दिवस/90 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से पेश करने की व्यवस्था बना दी गई है। इसलिए इसका पालन अनिवार्य रूप से किया जाए।
इसके अलावा आईजी अमरेश ने राजधानी में शराब पीकर वाहन और गाड़ी तेज रफ्तार से चलाने वालों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शराब स्मगलिंग और सूखे नशे पर करारा प्रहार करने तथा आरोपियों पर नारकोटिक्स एक्ट एवं आबकारी एक्ट के तहत अधिक से अधिक कार्यवाही के निर्देश भी दिए।