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रायपुर में कांग्रेस पार्षदों की अभूतपूर्व बगावत, आठ में से 5 का पार्टी से इस्तीफा… संदीप साहू की जगह आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने का विरोध


रायपुर नगर निगम के 70 पार्षदों में कांग्रेस पार्षदों की संख्या सिर्फ है और इसमें भी बड़ी बगावत हो गई है। कांग्रेस ने पहले संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष बनाया था, बाद में आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया गया। पिछले कुछ दिन से पार्षद इस फैसले का विरोध कर रहे थे। बुधवार को जैसे ही खबर फैली कि आकाश को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए कांग्रेस की ओर से जारी चिट्ठी सभापति सूर्यकांत राठौड़ को सौंपी गई है, विरोध सतह पर आ गया और पार्षद संदीप साहू, रेणु जयंत साहू, दीप मणिराम साहू और रोनिता प्रकाश जगत ने इस्तीफा दे दिया। बचे हुए पार्षदों में आकाश के अलावा अर्जुमन ढेबर और शेख मुशीर ने इस्तीफा नहीं दिया है। हालांकि पांचों पार्षदों ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है और इस आशय की चिट्ठी कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेजी गई है। चूंकि यह निगम सभापति को नहीं दिया गया, इसलिए नगर निगम के स्तर पर इसकी वैलिडिटी नहीं है, अर्थात इनकी पार्षदी समाप्त नहीं होगी। दूसरा, अगर कांग्रेस इनका इस्तीफा स्वीकार भी कर ले, तो पार्षद दलबदल की श्रेणी में नहीं आएंगे, क्योंकि इस्तीफा देने वालों की संख्या दो-तिहाई है। अगर कांग्रेस में यह गतिरोध चलता रहा, तो निगम सभापति इस्तीफा देने वाले इन पार्षदों को अलग गुट के रूप में भी मान्यता दे सकते हैं।

फिर भी, नगर निगम में कांग्रेस की टीम में अभूतपूर्व घटनाक्रम है, क्योंकि अब तक किसी फैसले का पार्टी के पार्षदों ने इस तरह विरोध नहीं किया है। बता दें कि आकाश तिवारी ने टिकट कटने की वजह से दूसरे वार्ड से निर्दलीय के तौर पर पार्षद का चुनाव लड़ा और जीता था। नतीजे आने के कुछ दिन बाद आकाश की कांग्रेस में वापसी हो गई। तब तक पार्टी की ओर से दो बार के पार्षद संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष बनाने का फैसला कर लिया गया था और चिट्ठी भी जारी हो गई थी। लेकिन तकरीबन 15 दिन पहले कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष बदल दिया और संदीप की जगह आकाश का नाम फाइनल कर लिया गया। तभी से इसका विरोध चल रहा है, जो बुधवार को बगावत में तब्दील हो गया। इस्तीफा देने वाले पांचों पार्षदों की ओर से पार्टी को जो चिट्ठी भेजी गई है, उसमें कहा गया है कि नेता प्रतिपक्ष के चयन के लिए प्रभारी बनाई गई प्रतिमा चंद्राकर की मौजूदगी में 2 मार्च को संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष चुना गया था। लेकिन प्रदेश कांग्रेस ने बदलाव करते हुए 16 अप्रैल को आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया गया। पार्षदों ने कहा कि जिस व्यक्ति ने नगर निगम चुनाव के दौरान पार्टी से बगावत करते हुए चुनाव लड़ा था, उसे हम नेता प्रतिपक्ष स्वीकार नहीं है। इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।

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