आम चुनाव

जिला पंचायतों के अजब नतीजे… 140 क्षेत्रों में भाजपा समर्थित 109 पर जीते… लेकिन जशपुर-सूरजपुर में एक भी सीट नहीं

छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय चुनावों के पहले चरण में प्रदेशभर में गैरदलीय आधार पर 162 जिला पंचायत सदस्यों के लिए मतदान हुआ, जिसके नतीजे और रूझान सोमवार को देर रात से आने लगे हैं। भाजपा ने दावा किया कि देर रात तक 140 क्षेत्रों के रुझान आए थे, जिसमें भाजपा समर्थित  प्रत्याशियों ने 109 सीटें जीतकर दबदबा कायम रखा। शेष प्रदेश में जीत के बावजूद सरगुजा संभाग से जो नतीजे आ रहे हैं, वह भाजपा के फेवर में नहीं हैं। जशपुर में पहले चरण में तीन क्षेत्रों में मतदान हुआ, जिसमें कांग्रेस समर्थित दो प्रत्याशियों आशिका कुजूर और मोनिका टोप्पो ने जीत दर्ज की है, जबकि एक सीट पर भाजपा के बागी गेंदबिहारी सिंह को विजय मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बगीचा इलाके में भाजपा के मंडल अध्यक्ष हरीश पंच का चुनाव लड़ रहे थे, उन्हें केवल 17 वोट मिले और हार गए। यही स्थिति सूरजपुर की भी है। वहां पहले चरण में 6 जिला पंचायत सदस्यों के लिए मतदान हुआ और भाजपा एक सीट भी नहीं जीत पाई। वहां कांग्रेस समर्थिक प्रत्याशी योगेश्वरी लक्ष्मण राजवाड़े, कलेश्वरी लखन कुर्रे, नरेंद्र यादव और अखिलेश प्रताप सिंह जीते हैं। जबकि निर्दलीय के दौर पर भाजपा के बागियों गिरीश गुप्ता और किरण केराम ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है।

सरगुजा जिले में भी पहले चरण में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। वहां चार सीटों पर कांग्रेस और तीन सीटों पर भाजपा के जीतने की बात आई है, लेकिन इसमें से भी एक सीट पर विजयी उम्मीदवार को कांग्रेस ने अपना बता दिया है। जिला पंचायत चुनावों में सरगुजा संभाग के अधिकांश हिस्से से लगभग ऐसे ही नतीजे आ रहे हैं, या फिर एक-दो जगह भाजपा बारीक अंतर से आगे है। लेकिन शेष प्रदेश में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहरा दिया है। अभी 22 सीटों के नतीजे द स्तम्भ को नहीं मिले हैं, लेकिन भाजपा समर्थित प्रत्याशी 140 में से 109 सीटें जीतने में कामयाब रही हैं। फिलहाल कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के 24 तथा निर्दलियों के 6 सीटें जीतने की बात आई है। एक क्षेत्र में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी अपना खाता खोल लिया है। चूंकि चुनाव गैरदलीय आधार पर हो रहे हैं, इसलिए कई जीते हुए प्रत्याशियों को भाजपा और कांग्रेस, दोनों अपना बता रही हैं। यही एकमात्र वजह है कि नतीजों में क्लियेरिटी एक-दो दिन बाद ही हो पाएगी।

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