पनीर की सब्जी में छिपकली गिरी, तीसरी की छात्रा की मौत, 35 बीमार… स्वास्थ्य मंत्री का कैसा जिला अस्पताल जो फूड प्वाइजनिंग में नहीं बचा सका जान !
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बीजापुर शहर के कुछ दूर धनोरा माता रुकमणि आश्रम में रविवार रात मिडिल स्कूल की 35 छात्राएं डिनर के बाद बीमार हो गईं। बच्चियों को बीजापुर जिला अस्पताल ले जाया गया। आश्रम वालों ने ही भोजन की जांच की, तो यह बात बाहर आई कि संभवतः पनीर की सब्जी में छिपकली गिरी थी। उसी सब्जी से छात्राएं बीमार हुईं। अब बात करते हैं बीजापुर जिला अस्पताल की। बच्चियों का यहां इलाज शुरू हुआ, लेकिन शिवानी तेलम नाम की एक बच्ची ने कुछ घंटे में दम तोड़ दिया। 9 बच्चियों को आईसीयू में रखा गया। इस हादसे ने बीजापुर जिला अस्पताल की व्यवस्था पर ही सवाल उठा दिए। सरकार में प्रभावशाली समझे जाने वाले स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने हाल में बीजापुर का दौरा कर अस्पताल की व्यवस्था को बहुत बेहतर करार दिया था। रायपुर के कई सीनियर डाक्टरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर सवाल उठा दिया कि यह कैसा अच्छा अस्पताल है, जो फूड प्वाइजनिंग जैसी साधारण इमरजेंसी में बच्ची की जान नहीं बचा सका। इस वाकये ने दूरस्थ जनजातीय इलाके में आश्रम ही नहीं बल्कि जिला अस्पताल जैसी मेन हेल्थ यूनिट की कार्यप्रणाली और सुविधाओं को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।
बीजापुर से 10 किमी दूर माता रुकमणि आश्रम में प्राइमरी और मिडिल की बच्चियां रहकर पढ़ाई करती हैं। जिस छात्रा शिवानी की फूड प्वाइजनिंग से मृत्यु हुई, वह तीसरी कक्षा में थी। जिन 35 छात्राओं को बीमार होने की वजह से आश्रम से बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया, उनमें 13 की हालत गंभीर थी। सभी को आईसीयू में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान ही अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठे। चूंकि मामला राजधानी से 400 किमी दूर का है, इसलिए बात यहां तक नहीं पहुंची (या नहीं पहुंचने दी गई)। कुछ घंटे के इलाज के बाद मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया। मंगलवार को सुबह से इस मामले में बवाल शुरू हुआ और अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाए गए। गंभीर बात ये है कि इस हादसे को लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है। न ही जगदलपुर या रायपुर से कोई टीम भेजी गई, जो यह पता लगा सके कि इलाज में किसी तरह की कोताही तो नहीं हो गई। इस मामले में बीजापुर से जगदलपुर तक राजनीति भी सरगर्म है। बीजापुर विधायक आरोप लगा रहे हैं, लेकिन यह कह दिया जा रहा है कि वे कांग्रेसी हैं, उनका काम ही यही है। फूड प्वाइजनिंग कैसे हुई, बच्ची की मौत किस कारण से हुई, जिला अस्पताल के इंतजाम कैसे थे, इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के जानकार लोगों से बात करने की कोशिश की गई, तो उनका यही जवाब था- जानकारी लेकर बताते हैं। जबकि सीएम विष्णुदेव साय दूरस्थ इलाके के अस्पतालों, खासकर बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बेहद संवेदनशील हैं। सीएम साय की पहल पर ऐसे इलाकों में डाक्टरों की लगातार पोस्टिंग की जा रही है। इलाज के सिस्टम को भी लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। फिर भी बीजापुर जिला अस्पताल में फूड प्वाइजनिंग के इलाज पर ही सवाल उठ गए हैं।