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गंगरेल के आकाश में अचानक बाबा भोलेनाथ की जगमगाती हुई आकृति उभर गई… वहां मौजूद सैकड़ों लोग दंग

धमतरी में गंगरेल बांध से लगकर जल-जगार महोत्सव का शनिवार शाम उद्घाटन हुआ और फिर रंगारंग कार्यक्रम शुरू हो गए। अंधेरा घिरने लगा। इस बीच, सितारों से भरे आसमान से अचानक हल्की गड़गड़ाहट सुनाई देने लगी। लोग देखते रहे और रंगबिरंगी सितारे इकट्ठा होने लगे। फिर अचानक लोगों ने देखा कि भगवान भोलेनाथ की आकृति उभर गई। वे आश्चर्यचकित रह गए और इस तस्वीर को निहारते ही रह गए। फिर अचानक झिलमिल तारे इधर-उधर होने लगे। भगवान की आकृति ओझल हुई और सितारों ने एक प्राकृतिक दृश्य बना दिया। यह दृश्य भी कुछ देर में ओझल हो गया और सितारे जमीन पर आने लगे। तब लोगों के पता चला कि यह बाकायदा एक अनोखा इवेंट था, जिसे ड्रोन से किया गया। आसमान में 150 छोटे ड्रोन उड़ाए गए। इन ड्रोन्स के नीचे लगी लाल-नीली बत्तियों के कारण वे झिलमिला रहे थे। नीचे बैठे जानकार लोग इन ड्रोन्स को कंट्रोल कर रहे थे और खूबसूरत आकृतियां बना रहे थे। हालांकि धमतरी और आसपास के इलाकों में इतनी चर्चा रही कि बड़ी संख्या में लोग इस इवेंट को देखने के लिए गंगरेल पहुंच रहे हैं।

इससे पहले, शनिवार को सीएम विष्णुदेव साय ने धमतरी में जल जगार महोत्सव की शुरुआत करते हुए गंगरेल बांध की विशाल जलराशि के बीच भगवान शिव की प्रतिमा में जलाभिषेक किया। उन्होंने 108 चयनित जल संरचनाओं से लाए गए पानी का अर्पण किया। जल जगार महोत्सव में रूद्राभिषेक कार्यक्रम अंतर्गत जिले में चारों विकासखंडों में जल संरक्षण हेतु निर्मित किये गये 108 जल संरचनाओं, जिसमें अमृत सरोवर, जलाशय, पारम्परिक एवं ऐतिहासिक तालाब, परकोलेशन टैंकों से जल लाया गया था। इसके पश्चात सीएम साय ने महानदी की महाआरती भी की। पंडितो ने विधि विधान से आरती में सहयोग किया। इसके बाद इवेंट हुआ। रविवार को जल जगार महोत्सव के दूसरे और अंतिम दिन जागरुकता फैलाने के लिए हाफ-मैराथन का भी आयोजन किया गया था।

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