भूपेश की चीफ जस्टिस आफ इंडिया को चिट्ठी… मुझे फंसाने की साजिश, पुलिसवालों ने सूर्यकांत को मेरा नाम लेने धमकाया
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस आफ इंडिया-सीजेआई) को चिट्ठी लिखकर छत्तीसगढ़ के कुछ पुलिस अफसरों को सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। इस चिट्ठी ने छत्तीसगढ़ की आईएएस-आईपीएस लाबी में खलबली मचा दी है। हालांकि चिट्ठी को लेकर पुलिस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भूपेश बघेल ने सीजेआई को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया कि पुलिस अफसर कुछ दिन पहले जेल में सूर्यकांत से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने मेरे (भूपेश बघेल) के खिलाफ बयान देने के लिए सूर्यकांत को धमकाया। सूर्यकांत कोयला स्कैम में जेल में बंद है। भूपेश ने आरोप लगाया- सूर्यकांत से यह बयान देने के लिए कहा गया कि कोल स्कैम के पैसों से तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल भी लाभान्वितों में से एक थे। पूर्व सीएम ने कहा- मेरा नाम विभिन्न अपराधो में जोड़ने के लिए इस स्तर पर साजिश रची जा रही है। सीजेआई से अनुरोध है कि इन सभी मामलों में स्वतंत्र जांच के निर्देश दिए जाएं।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सीजेआई को लिखे पत्र में कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आपकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के कारण अत्यधिक व्यस्तता से मैं अवगत हूं, लेकिन पत्र लिखने के लिए इसलिए बाध्य हुआ क्योंकि छत्तीसगढ़ में संविधान हत्यात्मक परिस्थितियां निर्मित हो गई हैं। भूपेश ने लिखा कि छत्तीसगढ़ में कोल स्कैम के एक केस की ईडी 4 साल से जांच कर रही है। राज्य में सत्ता बदलने के बाद यह केस छत्तीसगढ़ की एजेंसियों एसीबी-ईओडब्लू को भी सौंपा गया। पत्र में भूपेश ने उल्लेख किया कि कोल स्कैम में जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी ने 9 सितंबर को रायपुर के एडीजे कोर्ट में एक अर्जी दी। इस अर्जी में सूर्यकांत ने आरोप लगाया कि 8 सितंबर को दोपहर 12 बजे उससे मिलने के लिए जेल में कुछ पुलिसवाले पहुंचे और मुझे मिलने बुलवाया। भूपेश की चिट्ठी के मुताबिक सूर्यकांत को पुलिसवालों ने कथित तौर पर धमकाया कि वह कोयला घोटाले के लाभार्थियों में मेरा भी नाम ले और इस बारे में कोर्ट में बयान दर्ज करवाए। पूर्व सीएम भूपेश ने सीजेआई से अनुरोध किया कि इस तरह के कृत्य पूरी तरह विधि के आधारभूत सिद्धांतों के विपरीत है। बल्कि यह पूर्वाग्रह से भरी एक सुनियोजित साजिश है। इस साजिश का उद्देश्य मेरा नाम किसी भी तरह एक अपराध से जोड़ना है। और इसमें अफसरों की भूमिका का सामने आना गंभीरतम षड्यंत्र है। भूपेश ने सीजेआई के समक्ष इस चिट्ठी के जरिए पूरी शिकायत रखी है और अनुरोध किया है कि इस मामले में स्वतंत्र जांच के निर्देश दें।