हेडमास्टर खुदकुशी में पूर्व मंत्री अकबर समेत 4 पर केस…अकबर बोले- न किसी से मिला न जानता और न ही कोई लेना-देना, ये मेरे खिलाफ साजिश
बालोद की ओड़गांव स्कूल के हेडमास्टर देवेंद्र कुमार कुमेटी (57) की खुदकुशी के मामले में सोमवार को उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब डौंडी पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का केस दर्ज कर लिया। चार लोगों में पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का भी नाम है। हेडमास्टर के शव से पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा गया है कि उसकी मौत के लिए हरेंद्र नेताम, सलीम उर्फ मदार खान और प्रदीप ठाकुर के साथ पूर्व मंत्री भी जिम्मेदार हैं। पुलिस ने नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बालोद एएसपी अशोक कुमार जोशी ने मीडिया से कहा कि हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से पत्र की जांच करवाई जाएगी कि इसे मृतक हेडमास्टर ने ही लिखा है या नहीं। दो-तीन दिन में पत्र को हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास जांच के लिए भेजा जाएगा, इसके बाद ही कुछ कह सकते हैं। इधर, दिग्गज कां ग्रेस नेता तथा पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस मामले में मीडिया से कहा कि वे मृतक हेडमास्टर तथा बाकी तीन लोगों को नहीं जानते, न ही कभी किसी से मिले और न ही उनका लेना-देना है। उन्होंने मृतक की ओर से डौंडी थाने को दिया गया एक पत्र जारी करते हुए कहा कि मृतक हेेडमास्टर देवेंद्र कुमार के खिलाफ 6 लोगों ने कुछ दिन पहले डौंडी थाने में ही शिकायत की थी कि नौकरी लगाने के नाम पर हेडमास्टर ने 9 जुलाई को उनसे पैसे लिए थे, जिसे वे लौटा नहीं रहे हैं। खुद मृतक देवेंद्र कुमार ने डौंडी थाने में लिखित शिकायत की थी कि वन विभाग में नौकरी लगाने के लिए उसने पैसे गरियाबंद निवासी मदार खान को दिए थे, पर वह पैसे नहीं लौटा रहा है। इसी शिकायती पत्र में हेडमास्टर देवेंद्र कुमार ने लिखा है- अगर लोगों के पैसे नहीं लौटाए तो पुलिस खुद मेरे, हरेंद्र नेताम और मदार खान के खिलाफ कार्रवाई करे। पूर्व मंत्री अकबर ने मृतक हेडमास्टर के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इन तमाम घटनाक्रम के बाद अचानक खुदकुशी के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में उनका नाम आ जाना किसी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है। इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
डौंडी में नौकरी लगाने के नाम पर 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की शिकायतें हैं। पुलिस के मुताबिक मृतक हेडमास्टर देवेंद्र कुमार ने पुलिस को सूचित किया था कि हरेंद्र और मदार उनके द्वारा दिए गए 23 लाख रुपए नहीं लौटा रहे हैं। यह बात तब सामने आई, जब हेडमास्टर ने पुलिस को इस आशय की सूचना दी। 3 सितंबर को हेडमास्टर का शव उनके घर के छज्जे से लटका मिला। जेब में एक सुसाइड नोट था। पुलिस ने हरेंद्र, प्रदीप और मदार के खिलाफ दफा चारसौबीसी के मामले में जांच शुरू की है। इधर, सुसाइड नोट के खिलाफ पर खुदकुशी के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में इन तीनों के अलावा पूर्व मंत्री पर केस दर्ज किया है। खुदकुशी केस की एफआईआर में नाम आने को षड्यंत्र करार देते हुए पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने मृतक हेडमास्टर की ओर से लिखी चिट्ठी जारी की और कहा कि यह चर्चा भी फैलाई गई है कि मदार उनका भांजा है। उन्होंने कहा कि वे चार भाई हैं और एक भी बहन नहीं है, तब यह भांजा कहां से आ गया। मोहम्मद अकबर ने कहा कि मामला कूटरचित लगता है क्योंकि नौकरी के नाम पर ठगी में कथित तौर पर शामिल मृतक हेडमास्टर समेत वे किसी भी व्यक्ति से कभी नहीं मिले हैं। उन्होंने इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इस मामले में उन्हें फंसाने की साजिश की गई है। इस साजिश का बेनकाब होना जरूरी है।