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मोदी सरकार के पोषण माह में अधिकांश भाजपा शासित राज्यों का परफार्मेंस अच्छा… आंध्र-तमिलनाडू की भी सराहना

पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने देशभर में राष्ट्रीय पोषण माह शुरू किया है। केंद्र सरकार की ओर से इस अभियान में छह दिन का अलग-अलग राज्यों का डेटा जारी किया गया है। इस डेटा में बताया गया है कि देश के कौन-कौन से राज्य इस अभियान में बहुत अच्छा योगदान दे रहे हैं। भाजपा शासित तथा समर्थित राज्यों जैसे के प्रदर्शन को राष्ट्रीय पोषण अभियान में बहुत अच्छा तो बताया ही गया है, केंद्र सरकार की ओर से जारी सूचना के मुताबिक इस अभियान के शुरुआती छह दिनों में बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्रप्रदेश और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों का योगदान अच्छा बताया गया है।

केंद्र सरकार के प्रेस इंफरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) की ओर से जारी सूचना के मुताबिक गुजरात में गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 31 अगस्त, 2024 को शुरू किया गया सातवां राष्ट्रीय पोषण माह बेहतर प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी के साथ-साथ एनीमिया, विकास की निगरानी और  ​​पूरक आहार जैसे विषयों पर केंद्रित है। इस मुहिम में एक पेड़ मां के नाम अभियान के जरिए पर्यावरण सस्टेनेबिलिटी पर भी जोर दिया गया है। इस राष्ट्रव्यापी आयोजन के छह दिन पूरे होने के बाद देश के 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 752 जिलों में पोषण माह के तहत 1.37 करोड़ गतिविधियों की सूचना मिली है। अब तक सबसे अधिक योगदान देने वाले राज्यों में बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्रप्रदेश और उत्तरप्रदेश शामिल हैं।

जहां तक मोदी सरकार की ओर से शुरू किए गए पोषण माह के प्रमुख फोकस क्षेत्रों की तुलना का सवाल है, देशभर में अब तक एनीमिया पर 39 लाख से अधिक गतिविधियां हुई हैं। विकास की निगरानी पर केंद्रित 27 लाख से अधिक गतिविधियां हो चुकी हैं।  पूरक आहार संबंधी करीब 20 लाख एक्टिविटीज रिकार्ड की गई हैं। एक पेड़ मां के नाम के जरिए पर्यावरण सस्टेनेबिलिटी के लिए  8 लाख गतिविधियां आयोजित की गई हैं। एक अन्य प्रमुख विषय है बेहतर प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी। इसके तहत डब्ल्यूसीडी के नामित पदाधिकारियों को करीब 10 लाख उन गतिविधियों को चिह्नित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है,। इनका उद्देश्य आईसीटी ऐप्लिकेशन पोषण ट्रैकर से जुड़े पोषण संकेतकों और कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन एवं निगरानी में मदद करना है।

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