गैंगस्टर अमन साहू ने छकाया पुलिस को…72 केस में बार-बार जेल बदली से वहीं रुकने में सफल, अब 16 अगस्त का वारंट
झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू रायपुर में तीन माह पहले फायरिंग की साजिश के केस में तथा महीनेभर पहले रिंग रोड-1 पर पीआरए कंस्ट्रक्शन पर हुई फायरिंग में वांटेड है और झारखंड में जेल में बंद है। लेकिन कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बावजूद वह रायपुर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पा रहा है। पिछले महीने रायपुर पुलिस ने गैंगस्टर अमन को गिरीडीह जेल से 22 जुलाई को रायपुर लाने का कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया था। लेकिन महिला जेल सुप्रिंटेंडेंट पर फायरिंग की साजिश फूटने के बाद उसे चाईबासा जेल शिफ्ट कर दिया गया। अब रायपुर पुलिस ने दोबारा चाईबासा जेल से गैंगस्टर को रायपुर लाकर 16 अगस्त को कोर्ट में पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया है। पुलिस कोशिश में है कि उसे चाईबासा जेल से दोनों केस में एक बार रायपुर लाया जा सके, लेकिन झारखंड के अफसरों का कहना है कि गैंगस्टर अमन के 72 केस ऐसे हैं, जिनमें लगातार पेशियां चल रही हैं। इस वजह से उसे रायपुर लाना मुश्किल हो रहा है।
झारखंड के कोल और माइंस बिजनेस तथा अन्य ठेकेदारों से वसूली करनेवाले गिरोहों में सबसे बड़ा गैंगस्टर अमन साहू ही है। वह कुछ अरसे से जेल में बंद है। रायपुर और रायगढ़ के कारोबारियों से वसूली के लिए ही उसके हैंडलर ने तीन माह पहले यहां शूटर भेजे थे, जो पकड़े गए थे। लगभग एक माह पहले अमन गैंग के हैंडलर ने ही रायपुर में ठेकेदार के दफ्तर पर गोलियां चलवा दीं। दोनों ही केस में अमन साहू रायपुर पुलिस का वांटेड है। इन मामलों में रायपुर पुलिस उससे पूछताछ करना चाहती है। उसे झारखंड जेल से यहां पेश करने के लिए रायपुर कोर्ट से कल दूसरा प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया गया है। यह वारंट झारखंड में चाईबासा जेल के लिए निकला है और गैंगस्टर अमन को 16 अगस्त को रायपुर में पेश किया जाना है। इस बार आला अफसर झारखंड में पुलिस-जेल महकमों के वरिष्ठ अफसरों के संपर्क में हैं, ताकि एक बार गैंगस्टर को रायपुर लाकर और पूछताछ कर मुकदमा शुरू किया जा सके।
एनआईए जांच कर रहा अमन के अपराधों की
अमन साहू के खिलाफ एनआईए भी कई मामलों में जांच कर रहा है। एनआईए की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि उसने पुलिस तथा जेल अफसरों पर फायरिंग भी करवाई है। गिरीडीह से चाईबासा जेल शिफ्ट करने के पीछे भी कारण यह है कि उसने गिरीडीह की जेल अधीक्षक की सुपारी दे दी थी और दो शूटर उनके निवास के पास फायरिंग से पहले ही पकड़ लिए गए थे। गैंगस्टर अमन साहू ठेकेदारों और कारोबारियों को टारगेट करता है, लेकिन पुलिस बीच में पड़े तो अमन गैंग उनसे भिड़ने में भी नहीं चूकता है।