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सीएम हाउस की हरेली में गुड गवर्नेंस का तड़का…रहचुली झूले और गेड़ी के साथ किसानी को संवारने पर भी मंथन

मंत्री-अफसर होंगे मेहमान, छत्तीसगढ़िया परंपरा के जरिए सुशासन का बड़ा मैसेज

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रविवार, 5 अगस्त को अपने निवास पर हरेली का त्योहार बड़े पैमाने पर मनाने जा रहे हैं। सीएम हाउस को ठेठ छत्तीसगढ़ थीम पर सजाया जा रहा है और कहीं-कहीं आदिवासी परंपराओं की भी झलक रहेगी। सीएम हाउस की हरेली में मंत्री और अफसर भी मेहमान होंगे। सब एक साथ रहेंगे, इसलिए पूरी सरकार छत्तीसगढ़ की परंपराओं को आगे बढ़ाने जैसे विषय पर भी चर्चा कर सकती है। धान के पौधे बड़े हो रहे हैं, खेती-किसानी से जुड़े लोगों को और किस तरह से राहत दी जा सकती है, इस पर भी बात होगी। इस तरह, सीएम हाउस के हरेली पर्व में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ गुड-गवर्नेंस का तड़का रहनेवाला है।

सीएम साय ने मीडिया से कहा कि छत्तीसगढ़ के गांवों में हरेली बड़ा त्योहार है। इसे सीएम हाउस में भी उसी स्वरूप में मनाने की तैयारी कर रहे हैं, जैसा प्रदेश के गांव-गांव मनाया जाता है। द स्तंभ को जो खबर मिली है, उसके मुताबिक इस त्योहार के लिए सीएम हाउस के लंच में वही व्यंजन होंगे, जिनका संबंध हरेली की परंपरा से है। यही नहीं, गेड़ियां सजाई जा रही हैं, सावन झूले भी लग रहे हैं, ताकि पूरी तरह ग्रामीण वातावरण तैयार किया जा सके। हालांकि सीएम हाउस में हरेली मनाने की परंपरा पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने शुरू की थी। गेड़ी चलने में उन्हें मास्टर माना जाता है। सीएम हाउस के पिछले गेट से सामने भूपेश को निवास आवंटित हुआ है। खास बात यह है कि वहां भी हरेली के लिए सजावट की जा रही है। अर्थात, रविवार को सीएम हाउस और आसपास का इलाका भी हरेली के रंग में रंगने वाला है।

रहचुली झूले और सजी हुई बैलगाड़ियां दिखीं

हरेली के लिए सीएम हाउस को छोटे से गांव के रूप में सजाया जा रहा है। शाम तक काफी साज-सज्जा हो चुकी है। पूरे परिसर में रहचुली झूला, गेड़ी और सजी हुई बैलगाड़ियां नजर आ रही हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सीएम साय कल सुबह पशुधन की पूजा करेंगे। पूजा के पश्चात वे किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों का वितरण भी करेंगे। हरेली के अवसर पर रहचुली झूले की पंरपरा है। साथ ही, गेड़ी के उत्साह को भी याद किया जाएगा। सीएम हाउस में परंपरागत खेलों और व्यंजनों की भी तैयारी है। हरेली उत्सव में पिट्ठूल, भौरा जैसे खेल होंगे। परंपरागत छत्तीसगढ़ी पकवान चीला, खुरमी, ठेठरी, अइरसा इसका मजा दूना कर देंगे। इसके अलावा लोक संस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम, खासकर राऊत नाचा और करमा नृत्य का आयोजन भी होगा। सीएम साय ने हरेली के दिन एक पेड़ मां के नाम लगाने का आग्रह भी किया है।

 

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