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बचे हुए मोस्ट वांटेड नक्सली पापाराव, देवा और देवजी को बस्तर आईजी की सलाह… सरेंडर करने का यही सही मौका है, संघर्ष से अब कोई लाभ नहीं

बस्तर में माओवादी कैडर लगभग धराशायी हो चुका है, लेकिन कुछ बड़े नक्सली कमांडर पापाराव, बारसे देवा और देवजी अब भी जंगलों में हैं। मंगलवार को बस्तर में ये अफ़वाह भी उड़ी कि देवा ने सरेंडर कर दिया है। लेकिन पुलिस ने इस बात से इनकार कर दिया। अलबत्ता, शाम की बस्तर आईजी सुंदरराज पट्टलिंगम की ओर से जारी बयान में सभी नक्सलियों को सलाह दे दी गई है कि सरेंडर करने कि अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

आईजी सुंदरराज ने कहा कि नक्सलियों बारसे देवा, पप्पा राव और देवजी जैसे कैडरों को भी यह समझना होगा कि परिस्थितियाँ तेजी से बदल रही हैं। अब हिंसा और संघर्ष की राह पर बने रहने से न उन्हें और न ही अन्य कैडरों को किसी प्रकार का लाभ मिलने वाला है। इसके विपरीत, मुख्यधारा में लौटकर सम्मान, स्थिरता और नई शुरुआत का अवसर अभी उनके सामने है। इसलिए मुख्यधारा में लौटने के निर्णय को और टालने का कोई अर्थ नहीं है। सही फैसला लेने का यही सबसे उपयुक्त समय है।

बस्तर आईजी ने बताया कि सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत किए जा रहे सतत प्रयास बस्तर रेंज में उल्लेखनीय परिणाम दे रहे हैं। सिर्फ पिछले दो महीनों में ही 570 से अधिक माओवादी कैडर, जिनमें केंद्रीय समिति सदस्य सतीश @ रूपेश तथा DKSZC Members रणिता, राजमन मांडवी, राजू सलाम, वेंकटेश और श्याम दादा शामिल हैं, हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले चुके हैं।

इधर, शाम को ही सुकमा के एसपी किरण चव्हाण ने स्पष्ट किया कि देवा के सरेंडर की जानकारी या परिस्थितियाँ 02 दिसंबर की शाम तक सामने नहीं आई हैं।

 

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